गीतांजली मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल उदयपुर सभी चिकित्सकीय सुविधाओं से परिपूर्ण हैl यहां निरंतर रूप से जटिल से जटिल ऑपरेशन इलाज कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है गीतांजली हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग से डॉ पंकज गुप्ता,डॉ धवल व्यास, डॉ मनीष दोडमानी, जी.आई. सर्जन डॉ कमल किशोर विश्नोई, एनस्थिसियोलोजिस्ट डॉ चारू शर्मा, संजय सोमरा के अथक प्रयासों से उदयपुर निवासी 14 वर्षीय रोगी को नया जीवन प्रदान किया गया|
विस्तृत जानकारी
डॉ पंकज गुप्ता व डॉ धवल व्यास ने बताया कि रोगी गीतांजली हॉस्पिटल पेट दर्द व उल्टियां की शिकायत के साथ आया था, रोगी को पिछले दो महीने से ये तकलीफ हो रही थी| रोगी के पेट का एक्सरे व सी.टी स्कैन किया गया| जांचों से पता चला कि रोगी ने 8 माह पूर्व टूथब्रश निगल लिया था जिसकी लम्बाई 20 सेंटीमीटर थी जोकि रोगी के पेट के माप से भी अधिक थी|
टूथब्रश प्लास्टिक के होने के कारण फिसल रहा था इसलिए इसे पकड़ना और बाहर निकालना बहुत मुश्किल था, डॉक्टर्स की टीम द्वारा अथक प्रयासों से ब्रश के ब्रिसल वाले हिस्से को पकड़ा व भोजन नली के सामने उसे सीधा कर बहार निकाला गया, रोगी की भोजन नली को किसी प्रकार की हानि ना हो इसके लिए रोगी ओवर ट्यूब डाली गयी| डॉक्टर ने यह भी बताया कि सामन्यता 5 सेंटीमीटर तक के फारन बॉडी को पकड़ कर निकाल लिया जाता है, इस रोगी के 20 सेंटीमीटर लम्बी फारन बॉडी को एनेस्थीसिया टीम की सहायता से मात्र आधे घंटे में रोगी की एंडोस्कोपी की गयी व टूथब्रश को बाहर निकाल दिया गया, जिससे रोगी बड़ी सर्जरी व जटिलताओं से बच गया|
रोगी अब बिकुल स्वस्थ है, आराम से भोजन कर रहा है व अपनी दिनचर्या का निर्वाहन करने में समर्थ है|
गीतांजली हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी तथा जी. आई. सर्जरी से संबंधित सभी एडवांस तकनीके व संसाधन एंडोस्कोपी यूनिट में उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल पिछले सतत् 15वर्षों से एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सेवाएं दे रहा है और चिकित्सा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता आया है, गीतांजली हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर्स व स्टाफ गीतांजली हॉस्पिटल में आने प्रत्येक रोगी के इलाज हेतु सदेव तत्पर है|
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