उदयपुर 16 फरवरी 2022 । शहर में आज बुधवार को पुलिस और वकील आमने सामने हो गए। हिरणमगरी थाना क्षेत्र में हुए अपहरण के मामले में वकीलों को आरोपी बनाने पर कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन के दौरान वकीलों के कलेक्ट्री के गेट को तोड़ दिया।
दो दिन पहले हुए अपहरण केस में पुलिस ने तीन वकीलों को भी अभियुक्त बनाया है जबकि वकीलों का मानना है की पुलिस ने जबरन वकीलों को आरोपी बनाया है। इसी बात को लेकर वकीलों ने आज कलेक्ट्री के सामने उग्र प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्री के अंदर जबरन घुसने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने अंदर की तरफ से गेट नहीं खोलने दिया। काफी प्रयास के बाद गेट नहीं खोलने दिया तो वकीलों के गेट तोड़ दिया।
मामला बढ़ता देख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार पहुंचे और वकीलों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया। बार एसोसिएशन उदयपुर ने चेतावनी देते हुए कहा की किसी भी निर्दोष वकील को नहीं फंसने देंगे।
दरअसल दो दिन पहले हिरणमगरी थाना क्षेत्र के एक नर्सिंग कॉलेज के छात्र करण मेघवाल के अपहरण की घटना स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। अपहरण के कुछ घंटे बाद ही पीड़ित स्वयं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के यहाँ पेश होकर आपसी रंजिश का मामला बताने लगा लेकिन जांच में मामला प्रेम प्रसंग का सामने आया।
हिरणमगरी थाना पुलिस से पूछताछ में करण मेघवाल ने बताया की 10 लोग उसका अपहरण कर बड़ी ले गए और मारपीट कर कई दस्तावेज़ों पर उसके दस्तखत करवा लिए है। करण ने अपहरण में तीन वकीलों पृथ्वीराज तेली, ललित सेन और प्रेम कुमार के शामिल होने की बात भी बताई। पुलिस ने इस मामले में 3 वकीलों समेत 13 लोगो को आरोपी बनाया है।
इधर, वकीलों का कहना है की मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्लाइंट वकील के पास आये थे तो वकील कैसे आरोपी बन सकते है ? बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरिजा शंकर मेहता ने कहा की पुलिस गलत तरीके से अधिवक्ताओ को आरोपी बना रही है।
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