महाराणा प्रताप स्मारक मोती मगरी पर प्रज्ज्वलित किए 482 दीप, सदगुरु भी पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे


महाराणा प्रताप स्मारक मोती मगरी पर प्रज्ज्वलित किए 482 दीप, सदगुरु भी पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे  
 

प्रताप के वंशज लक्ष्यराज ने महाराणा प्रताप की विशेष पूजा-अर्चना कर धराया 482 किग्रा के लड्डू का भोग

 
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उदयपुर. महाराणा प्रताप स्मारक समिति मोती मगरी ने प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 482वीं जन्म जयंती परंपरानुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि गुरुवार (02 जून) को भक्ति-भाव और धूम-धाम से मनाई। सर्वप्रथम समिति अध्यक्ष और महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने विद्वान ब्राह्मणों के दल के साथ मोती मगरी पर चेतकारुड़ महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर विधि-विधान के साथ विशेष पूजा-अर्चना कर 482 दीप प्रज्ज्वलित किए। इसके बाद हवन किया। फिर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर  482 किलो ग्राम के लड्डू का भोग धराया। प्रतापी शौर्य से ओतप्रोत प्रताप स्मारक वेद मंत्रों के उच्चरण और प्रतापी जय घोषों से गुंजायमान रहा।

इस अवसर पर पैलेस बैंड, आर्मी बैंड, पुलिस बैंड, महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल बैंड और बोहरा बैंड की स्वर लहरियां गूंज रही थीं। स्मारक पर प्रतापी शौर्य के बीच लगी भारतीय सेना के सशस्त्रों की प्रदर्शनी युवाओं में राष्ट्र भक्ति का जोश-जज्बा जगा रही थी। माटी बचाओ अभियान के तहत उदयपुर आए सदगुरु ने लक्ष्यराज सिंह के साथ सुबह 8.15 बजे स्मारक पर महाराणा प्रताप को पुष्पांजलि अर्पित की। कलेक्टर ताराचंद मीणा भी प्रताप को पुष्पांजलि अपर्ति करने पहुंचे। दिनभर भाजपा-कांग्रेस के राजनेताओं सहित मेवाड़वासियों का तांता लगा रहा।

 -नए भारत के निर्माण के लिए प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान के मार्ग पर निरंतर चलना होगा : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

इस अवसर पर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए भावी पीढ़ी को महाराणा प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान के मार्ग पर निरंतर चलना होगा। राष्ट्र के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि राजस्थान के अलावा समूचे देश में महाराणा प्रताप की जयंती को भारतीय पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन ही मनाएं। समिति सचिव सतीश शर्मा ने बताया कि मोती मगरी स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर विशेष साज-सज्जा की गई। सभी महानुभावों के लिए कदम-कदम पर छांव-शीतल पेयजल, कुर्सी इत्यादि की व्यवस्था की गई। स्मारक पर शाम को सांस्कृति कार्यक्रमों की धूम रही। पूजन के बाद समिति के सभी प्रशासनिक अधिकारी, विशिष्ट अतिथि, मेवाड़ के गणमान्य नागरिकों व अन्य आगंतुकों ने प्रताप की प्रतिमा की पुष्पांजलि अर्पित की। गुरुवार को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक स्मारक पर प्रवेश निशुल्क रहा

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