राजस्थान का गौरव बने मामे खान, कांस में रेड कारपेट पर किया वॉक

राजस्थान का गौरव बने मामे खान, कांस में रेड कारपेट पर किया वॉक

जैसलमेर से ताल्लुक रखते हैं मामे खान

 
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बारह साल की उम्र में इन्होंने अपना पहला म्यूजिक शो दिल्ली में इंडिया गेट पर किया था

फ्रांस में 75वाँ कांस फिल्म फेस्टिवल 17 मई से शुरू हो चुका है, जिसका समापन 28 मई को होगा। यह बेहद गर्व की बात है कि इस वर्ष के महोत्सव में भारत एक नई ऊर्जा, शक्ति और ताकत के साथ उभरा है। फिल्म फेस्टिवल भारत के लिए कई मायनों में खास है, क्योंकि इस समारोह में भारत को 'कंट्री आफ ऑनर' के लिए आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया गया है। हालाँकि, यह रिवाज इस साल से ही शुरू हुआ है और पहला मौका भारत को मिला है। इसके साथ ही राजस्थान की सरजमीं भी गौरव के क्षणों से रंग गई है, क्योंकि राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकार मामे खान ने फेस्टिवल में शामिल होकर इतिहास रच दिया है।

मामे खान 75वें कांस फिल्म फेस्टिवल में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाले पहले लोक कलाकार बन गए हैं। मामे रेड कार्पेट पर मंगलवार को अपनी पारंपरिक पोशाक में नज़र आए, जिसे देखकर उनके लुक और ड्रेस की खूब सराहना हो रही है। वे राजस्थान के पहले कलाकार हैं, जिन्हें रेड कारपेट पर चलने का सम्मान मिला है। इस सम्मान से उत्साहित राजस्थान के राजनेताओं ने देश के अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू ऐप पर मामे को शुभकामनाएँ देते हुए इसे भारत के लिए गौरव का क्षण करार दिया है।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रंगीले राजस्थान के लोक गायक को शुभकामनाएँ देते हुए कहा प्रतिष्ठित कांस फिल्म फेस्टिवल को हमारे रंगीले राजस्थान के सुरों की तान से झंकृत कर देने वाले लोक गायक सम्माननीय मामे खान जी पर हमें गर्व है। आप कांस के रेड कार्पेट पर कदम रखने वाले पहले भारतीय लोक कलाकार हैं। आपकी उपलब्धि का मायना है कि विश्व हमारी संस्कृति से जुड़ी धुनों को सुनकर आनंदित होता है। आपने भारतीयता का मान बढ़ाया है।

मामे खान के गाने पर लोग अपने पैरों को थिरकने से रोक नहीं पाए हैं। वहीं, मामे ने फ्रांस में वन्दे मातरम के नारे लगाए हैं। केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल ने कू करते हुए कहा है प्रसिद्ध लोक गायक व संगीतकार मामे खान जी द्वारा कान्स फिल्म फेस्टिवल में परफॉर्म करना हम सभी के लिए गौरव की बात है। रेड कार्पेट पर लोकगीत की प्रस्तुति देने वाले पहले लोक कलाकार के रूप में मामे खान ने भारत-पवेलियन के उद्घाटन के अवसर पर अपनी गायकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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राजस्थानी लोक संगीत की विशिष्टता बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मामे को बधाई देते हुए कहा है राजस्थानी लोक संगीत की सदा से अपनी एक विशिष्ट पहचान रही है।
अंतरराष्ट्रीय कांस फिल्म फेस्टिवल में प्रतिनिधित्व कर मामे खान जी ने मरुभूमि की लोक संस्कृति और भारतीय कला-कौशल को अधिक समृद्ध बनाया है। इस गौरवमयी उपलब्धि पर मामे खान जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

सवाई माधोपुर की विधायक दीया कुमारी कू करते हुए कहती हैं प्रतिष्ठित कांस फिल्म फेस्टिवल में राजस्थानी लोकगीत गायक मामे खान जी द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति देना देश व प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। मामे खान जी ने मरुभूमि की लोक संस्कृति और भारतीय कला-कौशल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और अधिक समृद्ध बनाया है। इस गौरवमयी उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

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जैसलमेर से ताल्लुक रखते हैं मामे खान

मामे खान राजस्थान के जैसलमेर के एक छोटे से गाँव सत्तों के रहने वाले हैं। वे राजस्थान के मांगणियार समुदाय से हैं। यह समुदाय अपने लोक संगीत के लिए जाना जाता है। बचपन से ही मामे संगीत के माहौल में बड़े हुए हैं। बारह साल की उम्र में इन्होंने अपना पहला म्यूजिक शो दिल्ली में इंडिया गेट पर किया था। राजस्थान में वे अपने पिता के साथ शादियों में भी जाकर गाया करते थे। अपनी सुरीली आवाज से सबका मन मोहने वाले मामे खान को पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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गजब का संयोग

भारत अपनी आज़ादी का 75वाँ वर्ष मना रहा है, वहीं भारत और फ्रांस के राजनयिक संबंधों को भी इस साल 75वर्ष पूरे हो रहे हैं। और तो और कांस फिल्म फेस्टिवल का भी यह 75वाँ वर्ष है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांस के शुरू होने से पहले वहाँ हिस्सा लेने जा रहे सभी सेलेब्स और उनकी टीम को शुभकामनाएँ दीं। पीएम मोदी ने कहा कि यह संयोग ही है कि भारत-फ्रांस संबंधों के 75 साल, आज़ादी के 75 साल और कांस फिल्म फेस्टिवल साथ-साथ मनाए जा रहे हैं।

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