मण्णपुरम फाइनेंस में हुई 12 करोड़ से अधिक की लूट में अब तक नहीं मिला आरोपियों का सुराग

मण्णपुरम फाइनेंस में हुई 12 करोड़ से अधिक की लूट में अब तक नहीं मिला आरोपियों का सुराग

पुलिस की 50 टीमें घटना के बाद से लगातार आरोपियों की कर रही है तलाश 

 
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बिहार,दिल्ली और अन्य राज्यों में भी कर रही है छानबीन

उदयपुर 30 अगस्त 2022 । उदयपुर में कल सोमवार सुबह हुई 12 करोड़ से अधिक की डकैती के मामले में 30 घंटो से भी ज्यादा समय निकलने के बाद भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है, हालांकि पुलिस 50 टीमें घटना के बाद से ही लगातार आरोपियों की पहचान करने और उनकी गिरफ़्तारी के प्रयासों में लगी हुई है। 

एसपी उदयपुर विकास कुमार शर्मा ने बताया की पुलिस की टीमें लगातार प्रयासों में लगी हुई है, एक टीम बिहार, दिल्ली और अन्य राज्यों में भी भेजी गई है लेकिन फ़िलहाल आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जैसे जैसे लीड मिलती जा रही है वैसे वैसे टीमें काम कर रही है, टीमों को कुछ गिरोह को भी पहचान कर उनसे पूछताछ करने के लिए भेजा गया है। शर्मा ने बताया की पुलिस लगातार प्रयासरत है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ़्तारी की जाएगी।  

उलेखनीय है की सोमवार सुबह 9.25 बजे 5 लोगो ने शहर के सुन्दरवास इलाके में मण्णपुरम फाइनेंस कम्पनी की ब्रांच को निशाना बनाया था।  पांच हथियारबंद लोग ब्रांच में घुसे और वहां मौजूद 5 स्टाफ और एक ग्राहक सहित 6 लोगो को पिस्टल की नोक पर बंधक बनाते हुए स्ट्रोंग रूम में पड़े बॉक्स से 24 किलोग्राम सोना सहित 11 लाख रूपए नकद लूट कर वहां से फरार हो गए थे। 

कुछ देर बाद स्टाफ मेम्बर्स ने कंट्रोल रूम पर सुचना दी जिसके बाद प्रताप नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। जाँच के दौरान सामने आया की फाइनेंस कम्पनी की इस ब्रांच में कुल 6 लोग कार्यरत है जिसमे से एक खुशबु कुंवर भाटी छुट्टी पर है, मोटर साईकिल पर सवार होकर आए आरोपियों ने पूरी वारदात को महज 18 मिनटों में अंजाम दिया जो की वहां लगे सी.सी टीवी कमरे में कैद हो गई। 

घटना की जानकारी मिलते ही उदयपुर रेंज के आईजी प्रफुल कुमार, एसपी विकास कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर चन्द्रशील ठाकुर, पुलिस उप-अधीक्षक भूपेंद्र सिंह, पुलिस उप- अधीक्षक शिप्रा राजावत एवं तपेन्द्र मीणा भी मौके पर पहुंचे। इस से पहले प्रतापनगर थानाधिकारी दर्शन सिंह, घंटाघर थानाधिकारी श्याम सिंह रत्नू और स्पेशल टास्क फ़ोर्स भी मौके पर पहुँच चुके थे।  

फाइनेंस कमपनी के अधिकारीयों से जब सिक्यूरिटी गार्ड नहीं होने की बात पूछी गई तो उन्होंने कंपनी की पॉलिसी के अनुसार सिक्यूरिटी गार्ड नहीं रखे जाने की बात कही, उन्होंने कहा की ब्रांच में सिक्यूरिटी उपकरण लगे हुए हैं लेकिन आरोपियों द्वारा स्टाफ मेम्बर्स को बंधक बनाये जाने की वजह से उनका इस्तेमाल नहीं हो पाया। 

उन्होंने बताया की इस ब्रांच में करीब 1100 से अधिक ग्राहकों के सोने के जेवर रखे हुए थे और 11 लाख रूपए नकद भी थे जिसको मिलाकर लुटी गई कुल राशि 12 से 13 करोड़ रूपए होती है।  

हालाँकि पुलिस लगातार अपने प्रयासों में लगी हुई है। लेकीन देखना होगा की कितनी जल्दी आरोपियों की गिरफ़्तारी हो पाती है। 

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