उत्तर पश्चिम रेलवे ने 2864 किमी ट्रैक का विद्युतीकरण कर बनाया कीर्तिमान

उत्तर पश्चिम रेलवे ने 2864 किमी ट्रैक का विद्युतीकरण कर बनाया कीर्तिमान

8 वर्षों में शून्य से 2864 किलोमीटर ट्रेक का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया, दिसम्बर 2023 तक सम्पूर्ण ट्रेक के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित

 
railway track

उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिये ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2014 तक ट्रेक विद्युतीकरण शून्य किलोमीटर था। वर्ष 2014 के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे को विद्युतीकरण कार्यों के लिये पर्याप्त बजट का आवंटन किया गया। पर्याप्त बजट की उपलब्धता और लक्ष्यानुसार कार्य करते हुये उत्तर पश्चिम रेलवे पर विगत 8 वर्षों में कुल 2864 किलोमीटर मार्ग के विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक विजय शर्मा के दिशा-निर्देशन में उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है तथा दिसम्बर 2023 तक सभी रेलखण्डों को विद्युतीकृत करने के लक्ष्य पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। 

उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2014 से अब तक 2864 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, इससे पूर्व उत्तर पष्चिम रेलवे पर ट्रेक विद्युतीकरण शून्य किलोमीटर था। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 680 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया, जोकि सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर द्वितीय अधिकतम रहा है। 

वर्ष 2021-22 में अजमेर-दौराई, ब्यावर-गुड़िया, मदार-बाईपास-आदर्शनगर, नोहर-हनुमानगढ, चूरू-रतनगढ, रींगस-सीकर-झुझुंनू-लोहारू, मदार-पुष्कर, रतनगढ़-सरदारशहर-बनीसर, हिसार-सूरतपुरा एवं मारवाड-लूनी-जोधपुर रेलखण्डों का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया है।

वर्ष 2021-22 में जोधपुर मण्डल के मारवाड-लूनी व लूनी-जोधपुर रेलखण्ड विद्युतीकरण होने के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी चारों मण्डल विद्युतीकृत रेल लाइनों वाले मण्डलों में सम्मिलित हो गये है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्तमान में 2526 किलोमीटर ट्रेक के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है तथा वर्ष 2022-23 में 1962 किलोमीटर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 47 जोडी रेलसेवाओं को डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर स्विच किया गया तथा वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 76 जोडी यात्री रेलसेवाएं इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर संचालित हो रही है। 

रेलवे पर सम्पूर्ण विद्युतीकरण होने से यात्रियों को बहुत से फायदे होगे, जिनमें प्रमुख है-
1. डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति
2. विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन
3. अधिक ट्रेनों का संचालन संभव
4. वर्तमान में इलेक्ट्रीक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने व इनमें अत्याधुनिक टैक्नालाॅजी के उपयोग के कारण अधिक यात्री सुविधाएं 
5. ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी
6. इलेक्ट्रीक गाडियों की परम्परागत गाडियों से faster acceleration/deacceleration के कारण इसकी औसत गति अधिक होती है एवं यह यात्रियों के लिये faster and convenient  होती है। 

 

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