उदयपुर 26 अगस्त 2022 । इंसान ठान ले और कुछ कर गुजरने का जुनून तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। पढ़ने और सिखने की कोई उम्र नहीं होती, बस जज्बा ही काफी है। इसी बात को चरितार्थ कर दिखाया है जिले के मारूवास वाण की भागल गाँव निवासी 52 वर्षीय राज सिंह सदाणा ने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करके। संयोग की बात यह है कि उनके पुत्र किशन सिंह ने नियमित अध्ययन कर करते हुए तथा पुत्री ममता कंवर व पिता राज सिंह ने 10वीं ओपन के माध्यम से दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण कर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
इस वर्ष अपने बेटे और बेटी के साथ लक्ष्य प्राप्ति करने वाले राजसिंह उदयपुर सूचना केंद्र में लाइब्रेरी बियरर के पद पर 1991 से कार्यरत हैं। पारिवारिक जि़म्मेदारी के चलते आज से 35 वर्ष पहले राज सिंह की पढाई छूट गई थी। वक्त का पहिया चलता रहा और राजसिंह 52 साल के हो गए। विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन से उन्होंने 10वीं की परीक्षा का फॉर्म भरा और परीक्षा पास की। राज सिंह अब उच्च माध्यमिक और फिर स्नातक में प्रवेश लेने हेतु भी उत्साहित हैं।
राज सिंह बताते हैं कि वे सूचना केंद्र उदयपुर में लाइब्रेरी बियरर के पद पर कार्यरत हैं। प्रतिदिन यहाँ वाचनालय में 150-200 स्टूडेंट्स विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने पहुँचते हैं। इस बीच राज सिंह अनुशासन बनाए रखने एवं अन्य कार्यालयीय व्यवस्थाएं संभालते हैं। जब उन्होंने प्रतिदिन इन स्टूडेंट्स को ललक के साथ यहाँ पढ़ते देखा, तो उनके मन में भी विचार आया कि क्यों न पढाई फिर आगे बढाई जाए।
ऐसे में वे भी कभी वाचनालय में स्टूडेंट्स के साथ, तो कभी अपने बेटा-बेटी के साथ पढने बेठने लगे। देखते ही देखते साल बीत गया और उन्होंने राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल से माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा पास की। राज सिंह बताते हैं कि जीवन में लेट ही सही, आखिरकार दसवीं पास करने का सपना पूरा हुआ।
राजसिंह ने अपनी मेहनत और लगन के साथ भाग्य को भी आजमाया। उन्होंने मन्नत मांगी थी कि यदि वे उम्र के इस पड़ाव में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते है तो वे जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर मारूवास-कठार स्थित आणना बावजी के मंदिर तक पदयात्रा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। राज सिंह की यह मन्नत पूर्ण हुई और शनिवार को वे पदयात्रा पर निकलेंगे।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal