गद्दार शब्द से पहुंची है ठेस, अगर पुनः बुलाया गया तो इस्तीफा वापस लेंगी प्रीति शक्तावत


गद्दार शब्द से पहुंची है ठेस, अगर पुनः बुलाया गया तो इस्तीफा वापस लेंगी प्रीति शक्तावत 

धारीवाल ने बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के मीटिंग बुलाकर की है अनुशासनहीनता - प्रीति शक्तावत 

 
preeti shaktawat
घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री भी हैं दुखी, नहीं थी किसी मीटिंग की पहले से जानकारी 

उदयपुर 29 सितंबर 2022 । राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर कुछ दिनो से उठे बवंडर के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से माफ़ी मांगते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इनकार कर दिया। 

उधर विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफों वाले मुद्दों पर जयपुर से उदयपुर लौटी वल्लभनगर विधायक प्रीति शक्तावत से जब उन्हें जयपुर बुलाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की विधायक दल की बैठक के लिए उन्हें जयपुर बुलाया गया था, एयररपोर्ट पर पहुँचने के बाद किसी मंत्री जी के पीए (PA) का फोन आया था जिसमे कहा गया था की पहले धारीवाल जी के घर जाएंगे फिर वहां से सब इकठ्ठा होकर मुख्यमंत्री साहब से मिलने जाएंगे। इसलिए पहले धारीवाल जी के घर चले गए जहां चाय-नाश्ता किया फिर काफी देर इन्तजार करने के बाद अचानक से कहा गया की एक मीटिंग रखी गई है जिसकी पहले से कोई जानकारी नहीं थी। 

इस्तीफों पर साइन करने की बात पूछने पर प्रीति ने खुद को नौसिखिया बताते हुए कहा की साइन तो कर दिए थे लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं था। पर अचानक से सब हुआ बात समझ में देर से आई। प्रीती ने कहा की मुख्यमंत्री जी का तो ये ही आदेश था जो शीर्ष नेतृत्व का फेसला होगा वो ही माननीय होगा और वो ही करना है। 

प्रीति ने कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही उनके राजनितिक गुरु है, वो ही उन्हें राजनीती में लेकर आए हैं,उन्ही की वजह से वो आज एक विधायक हैं और उनके विधानसभा क्षेत्र का विकास भी हो रहा है, उन्होंने कहा की जो घटनाक्रम हुआ है उस से मुख्यमंत्री खुद भी बहुत दुखी है। 

विधायकों को गद्दार कहे जाने वाली बात पर प्रीति ने कहा की उन्हें इस बात ने बहुत आहत किया है, उन्होंने कहा की ऐसे तो वल्लभनगर के पूर्व विधायक और उनके पति स्वर्गीय गजेन्द्र शक्तावत जी भी गए थे, ऐसे कहा जाता है तो वो गलत है और उन्हें ऐसे शब्दों से काफी ठेस पहुंची है। लेकिन बड़े-बड़े नेताओ के लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल किए गए तो वो गलत है लेकिन इसमें मुख्यमंत्री जी की कोई गलती नहीं है उन्हें शब्दों का ध्यान रखना चाहिए था। 

इस्तीफे पर साइन करने की जानकारी पहले से होने के सवाल पर प्रीति ने कहा की उन्हें कहा गया था की मुख्यमंत्री पद छोड़ रहे है इसके लिए एक नोटिस देना है उसी पर सब को साइन करना है तो साइन कर दिया। 

जिम्मेदार कौन? क्यों की मुख्यमंत्री को शर्मिंदा होना पड़ा ?

प्रीति ने कहा की मुख्यमंत्री को शर्मिंदा होना पड़ा इस बात का तो उन्हें भी बहुत खेद है क्यूंकि वो राजनीती में इतने वरिष्ठ और परिपक्व हैं उन्होंने आज राजस्थान की राजनीती में इतना नाम कमाया है, उनकी जो योजनाएं आई हैं कोरोना काल के बावजूद वो सारी योजनाए सराहनीय है इस हिसाब से तो उनको लग रहा था की 2023 में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। 

प्रीति ने कुछ नेताओं की गलती होने के बावजूद भी खुद मुख्यमंत्री ने शीर्ष नेतृत्व से माफ़ी मांगी ये उनका बडप्पन है। प्रीति ने इस्तीफा वापस लेने की बात पर कहा की बिलकुल अगर उन्हें पुनः बुलाया गया तो वो अपनी बात रखेंगी और अपना इस्तीफा वापस लेना चाहेंगी। 

क्या धारीवाल जी ने जो किया वो अनुशासनहीनता है गलत है ? इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रीती ने कहा की नए विधायकों जिन्हें इतने राजनेतिक दांवपेच समझ में नहीं आते है उनको ऐसे बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के बुलाकर मीटिंग लेना बिकुल अनुशासनहीनता में ही आता है। 

उन्होंने ने साफ़ किया की पूर्व गृहमंत्री रहे और कांग्रेस को इतनी ऊंचाई पर पहुंचाने वाले गुलाब सिंह शक्तावत जी की पुत्रवधू होने के नाते उनका सदैव यही नारा रहेगा की “मेरी पहंचान हाथ का निशान”
 

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal