सच का सामना 24 न्यूज़ चैनल का काला सच

सच का सामना 24 न्यूज़ चैनल का काला सच

सच का सामना 24 न्यूज़ चैनल नामक यू ट्यूब चैनल ने पुलिस कार्रवाई करवाने के नाम पर पीड़ित से ऐंठे 28 हज़ार रूपये

 
sach ka saamna 24

इन दिनों भारत में यूट्यूब चैनलों की बाढ़ सी आई हुई है। इनमे से कुछ चैनल तो ईमानदारी से लोगो को वाकई में सच दिखा रहे है लेकिन कुछ चैनल पत्रकारिता के नाम से महज़ अफवाह फ़ैलाने, सनसनी फ़ैलाने और हड़कंप फ़ैलाने के साथ साथ लोगो से ठगी भी कर रहे है। 

उदयपुर में भी इन दिनों सोशल मीडिया पर दुनिया भर के यूट्यूब चैनल चल रहे हैं जिसमें कई बेईमान लोग कार्य कर रहे हैं। जो अपने आप को पत्रकार बताते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने वालों आने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते हैं और अपनी मीठी मीठी चिकनी चुपड़ी बातों से उन लोगों से हजारों रुपए का चूना लगा देते हैं। 

जी हाँ ! बिल्कुल आज आपको अवगत करवाते हैं यू ट्यूब प्लेटफार्म पर चलने वाले सच का सामना 24 न्यूज़ चैनल का सच। यह यूट्यूब चैनल बात तो सच दिखाने की करता है लेकिन जिला कलेक्ट्री कार्यालय में आने वाले ग्रामीण और मासूम लोगों को अपना निशाना बनाता है और उनकी समस्या का जल्द समाधान करने की बात करते हुए उनके कांटेक्ट नंबर लेकर उन्हें बराबर संपर्क में रखते हुए बारी बारी से पैसों की डिमांड करने लगता है। 

दरअसल उदयपुर के सायरा गांव के रहने वाले बाबू लाल नामक व्यक्ति ने सच का सामना 24 न्यूज़ चैनल (यूट्यूब चैनल) द्वारा पुलिस कार्यवाही करवाने के नाम पर अलग अलग वक़्त पर कुल 28 हज़ार रूपए लेने का गंभीर आरोप लगाया हैं।

बाबू लाल का कहना हैं की फरवरी 2022 में उसकी बहन लीला बाई की लाश गांव के एक कुंए में मिली, घर वालों को शक था की उसके पति और ससुराल वालों ने मारा हैं। इसके चलते पुलिस कार्यवाही करने की मांग को लेकर वो कलेक्टरी आये थे और ज्ञापन दिया था। 

उसी दिन उनकी मुलाक़ात सच का सामना 24 नामक चैनल की टीम की एक महिला और पुरुष से हुई। उन्होने इनके वीडियो बनाये और खबर बनने की बात कहीं, उन्होने आगे भी इस मामले में मदद की बात कह कर नंबर ले लिए। इसके बाद दो बार ये कथित पत्रकार राजसमंद रजिस्ट्रेशन को एक कार में खबर करने के नाम पर सायरा गये और लौटते वक़्त बाबू लाल से 4 हज़ार रूपए ले लिए। इसके बाद कुछ समय बाद फिर से ये लोग पीड़ित बाबू लाल के परिवार से मिलने सायरा गये और लौटते समय फिर 4 हज़ार रूपए ले लिए।

इसके बाद एक बार बहन के केस में कार्यवाही करवाने के नाम पर 10 हज़ार रूपए पीड़ित परिवार से लिए और आखिर में 10 हज़ार फिर लिए जिसे ऑनलाइन ट्रांसफर करना बताया गया।

इस प्रकार इस कथित पत्रकारों की टीम ने पीड़ित परिवार से कुल 28 हज़ार रूपए झूठे बहाने करके ठग लिए जिसके बाद जब बाबू लाल ने उन्हें सम्पर्क करने को कोशिश की तो शुरुआत में तो ये कह कर टाल दिया जाता था की जल्द ही कार्यवाही होगी और फिर फोन उठाना ही बंद कर दिया। बाबू लाल ने बताया की उसने अपनी बहन को इंसाफ दिलाने की खातिर ब्याज पर पैसे लेकर इन कथित पत्रकारों को दिये थे।

अब बाबू लाल और उनका परिवार चाहते हैं की उनसे ठगी गई ये राशि वापस दिलाई जाये और ऐसे झूठे लोगों के खिलाफ कार्यवाही हों जो सच्चे और साफ छवि वाले पत्रकारों की छवि को भी धुमिल कर रहे हैं। 

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