उदयपुर, 25 दिसंबर 2022। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव के पांचवे दिन शिल्पग्राम में मानों शहर उमड़ पड़ा हो। हाट बाजार, रंगमंच, दर्पण द्वार आदि पूरा बाजार लोगों से अटा नजर आया। मेले में खरीददारी के साथ लोगों ने शाम को मुक्ताकाशी रंगमंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनन्द उठाया। जिसमें दर्शकों को राजस्थान के लोक व जन जाति नृत्य देखने को मिले। उत्सव के छठवें दिन ‘गोवा दिवस’ मनाया जायेगा।
उत्सव में रविवार को सुबह होते ही बड़ी संख्या में लोग शिल्पग्राम पहुंचना प्रारम्भ हो गये तथा दोपहर तक शिल्पग्राम परिसर में लोगों की रेलमपेल सी रही। शिल्पग्राम के मुख्य द्वार से लेकर अलंकार, वस्त्र संसार, दर्पण बाजार, संगम सभागार, कला विहार आदि के पास के बाजारों में लोगों ने खरीददारी करने के साथ मेले का आनन्द उठाया।
हाट बाजार में शाम ढलने से पहले लोगों की इतनी भीड़ रही कि लोग धीमी गति से चलते हुए उत्सव की गतिविधियों को निहारते चले गये। मेले में ही मुख्य द्वार पर लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियाँ दी वहीं बंजारा रंगमंच पर भपंग कलाकारों ने लोगों का मनोरंजन किया। बाद में गोवा के लोक नृत्यों की प्रस्तुति हुई।
दोपहर में ही रंगमंच की दर्शक दीर्घा के समीप केन्द्र द्वारा ‘मेंहदी प्रतियोगिता का अयोजन किया गया। जिसमें 28 प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा अपनी सखियों और स्वयं के हाथों में मेहंदी मांडी। प्रतियोगिता में रौनक सोनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं लवीना तलरेजा द्वतीय तथा बुलबुल माखीजा तृतीय स्थान पर रही। प्रतियोगिता में सांत्वाना पुरस्कार निमिशा माहेश्वरी, इन्द्रा वर्मा, भावना कुमावत, भाुप्रिया मेनारिया तथा कविता कुमावत को सांत्वना पुरस्कार से नवाजा गया। प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. कंचन राठौड़, पूजा नाथावत तथा विजयलक्ष्मी वर्मा रही।
शाम को मुक्ताकशी रंगमंच पर ‘राजस्थान दिवस के आयोजन में मेवाड़ की गवरी की धूम रही। कलाकारों ने देवी प्रसंग से श्रावण मास की गवरी को रंगमंच पर साकार किया।
रंगमंचीय कार्यक्रम की शुरूआत मेहबूब खां लंगा ने पधारो म्हारे देस तथा नींबूड़ा गीत सुनाये। इसके बाद रजवाड़ी संस्कृति का प्रतीक घूमर नृत्य कार्यक्रम की सौम्य और लुभावनी प्रस्तुति रही। इस अवसर पर कच्छी घोड़ी नर्तक ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन किया।
कार्यक्रम में ही युसुफ खां मेवाती व उनके दल ने भपंग वादन में ‘टर्र’ सुनाया तो दर्शक झूम उठे। इसके बाद इन कलाकारों ने एक और प्रस्तुति ‘अर्जेन्ट’ से दर्शकों को करतल संगत करने को विवश किया। इस अवसर पर ही कालबेलिया नर्तकी मीरा कालबेलिया व सखियों ने अपने र्सिल नर्तन व दैहिक भंगिमाओं से रोमांचित किया।
राजस्थान दिवस के मौके पर ही बाबा रामदेव की आराधना में किया जाने वाला तेराताल नृत्य जहां दर्शकों को रास आया वहीं बारां अंचल की चकरी नृत्य की धूम रही। कार्यक्रम में इसके अलावा भ्वाई नृत्य उल्लेखनीय प्रस्तुति रही।
उत्सव में सोमवार को ‘गोवा दिवस’ के आयोजन होंगे।
शिल्पग्राम उत्सव में आने के लिये केन्द्र द्वारा ऑन लाइन टिकिट की बुकिंग की व्यवस्था भी की गई है। केन्द्र ने लोगों को अनावश्यक भीड़ से बचाने तथा सुविधा के लिये ऑन लइन टिकिट बुकिंग की व्यवस्था भी की है तथा कई लोगों ने इस सेवा का लाभ उठाया है।
केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मेघवाल ने देखी उत्सव की गतिविधियाँ
भारत सरकार के संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार शाम पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय ‘शिल्पग्राम उत्सव’ में शिरकत की। मेघवाल शाम शिल्पग्राम पहुंचे तथा हाट बाजार में शिल्पकारों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने रंगमंच पर लोक कला प्रस्तुयों का आननद उठाया।
इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने लोगों से अनुरोध किया कि शिल्पग्राम में आये शिल्पकारों से कलात्मक उत्पाद खरीदे तथा उसका प्रचार करें। प्रधानमंत्री द्वारा आजादी के अमृतकाल में चलाये जा रहे लोकल फॉर वोकल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि शिल्पकारों से उत्पाद खरीद कर पचार करें तथा लोक को ग्लोबल बनाने में सहयोग करे। इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने मंत्री का रंगमंच पर स्वगत किया तथा उन्हे स्मृति चिन्ह भेंट किया।
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