रेलवे प्रशासन द्वारा उदयपुर स्टेशन का विश्वस्तरीय विकास किया जायेगा। इस कार्य के लिए 354 करोड़ रू. की लागत स्वीकृत की गई है। कार्य एजेन्सी को अवार्ड कर दिया गया है एवं कार्य प्रगति पर है। 36 महीनों में स्टेशन पुनर्विकास का कार्य पूरा किया जाएगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक विजय शर्मा के कुशल दिशा निर्देशन में उदयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। रेलवे द्वारा कार्य का LOA उदयपुर की कंस्ट्रक्शन कंपनी को जारी कर दिया गया है। कंपनी द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त कर स्टेशन विकास के लिए संसाधन जुटाने के प्रयास प्रारंभ कर दिए गए हैं।
वर्तमान में उदयपुर स्टेशन पर साइट ऑफिस, साइट लेबोरेटरी तथा लेबर कैम्प का निर्माण कार्य जारी है। मुख्य स्टेशन भवन में कार पार्किंग, आगमन/ प्रस्थान हेतु अलग-अलग गेट, सुरक्षा जांच क्षेत्र, 72 मीटर चौड़ाई का कॉन्कोर्स एरिया सहित 20 नई लिफ्ट एवं 26 नये एस्केलेटर लगाकर मौजूदा संख्या को बढ़ाया जाएगा। स्टेशन पर मौजूद दोनों फुटओवर ब्रिज को स्काई वॉक से जोड़ा जाएगा।
स्टेशन पर अनारक्षित प्रतीक्षालय, एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, खुदरा स्टालें, शौचालय, बेगेज स्कैनर तथा कोच इन्डिकेटर के साथ ही समस्त प्रकार की आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
झीलों की नगरी उदयपुर स्टेशन का संपूर्ण पुनर्विकास इसकी भव्य और आकर्षक बिल्डिंग को देखने मात्र से नजर आएगाl पूरी परियोजना में निर्माण के साथ-साथ संचालन और रखरखाव के दौरान ऊर्जा खपत में कमी के लिए सुविधाओं के साथ ग्रीन बिल्डिंग सुविधाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि स्टेशन विकास कार्य हेतु मौजूदा रेलवे कार्यालयों को अस्थाई तौर पर अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा। स्टेशन पुनर्विकास का कार्य पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। स्टेशन पुनर्विकास का यह कार्य 3 वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।
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