भारत में पहली बार विश्व के छ: महाद्वीपों के प्रतिनिधि भाग लेने आएंगे उदयपुर में

भारत में पहली बार विश्व के छ: महाद्वीपों के प्रतिनिधि भाग लेने आएंगे उदयपुर में

तीन दिवसीय विश्व जल सम्मेलन 8-10 दिसम्बर को

 
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बाढ़, सुखे की समस्या एवं इसके समाधान पर होगा मंथन

उदयपुर 05 दिसम्बर। विश्व में बाढ़, सुखे के कारणों एवं इसकी रोकथाम के लिए जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं विश्व जन आयोग स्वीडन के संयुक्त तत्वावधान में 8-10 दिसम्बर को विद्यापीठ की मेजबानी में होने वाली विश्व जल सम्मेलन की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। इसके लिए आधुनिक सुविधाओं से  नवीन सभागार बनाया गया है।

तैयारी बैठक को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि उदयपुर में चल रही जी20 शिखर सम्मेलन में भी पर्यावरण के असंतुलन पर चर्चा हो रही है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दुनिया में आ रही बाढ़ और सुखाड़ के कारणों को जान कर उसका समाधान खोजना और समाधान खोज कर उस पर कार्य करने की योजना बनाना है।  भारत में पहली बार विद्यापीठ की मेजबानी में विश्व जल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जो विश्व में होने वाली बाढ़, सुखाड़ के मुद्दे पर संयुक्त रूप से समाधान ढुंढने की तैयारी कर रहा है।
 

यहां से आयेगे प्रतिभागी:-
प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि तीन दिवसीय विश्व जल सम्मेलन में आयोग के अध्यक्ष, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् व मैगसेसे पुरस्कार विजेता पानी वाले बाबा डॉ राजेंद्र सिंह, छ: महाद्वीप से प्रतिनिधि आयेगे जिसमें अफ्रीका , अमरीका, नोर्थ अमेरिका, ऐशिया, युरोप से खासकर उस देशों से जिन देशों में पिछले दो सालों में बाढ़ और सुखे के कारण विनाश हुआ है। इसके अलावा बोस्निया के राजदूत मोहम्मद शेनजीक, स्वीडन, कनाड़ा, इजिप्ट, पुतर्गाल, लिथूनिया, आस्ट्रेलिया, नेपाल सहित भारत  के महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, लद्वाक, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक , राजस्थान के विभिन्न राज्यों से 120 से अधिक प्रतिभागी सुखे एवं बाढ पर अपने विचारों से अवगत करायेगे। ये सम्मेलन दुनिया की बाढ़ सुखाड के समाधान सुझाने के लिए भारत में पहली बार पहल हो रही है।

 

बैठक में आयोजन निदेशक डॉ. युवराज सिंह राठौड़, सह सचिव डॉ. पंकज रावल, , कोर्डिनेटर डॉ. शैली मेहता, आयोजक सचिव डॉ. तरूण श्रीमाली, आयोजन समिति सदस्य डॉ. बलिदान जैन, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. भारत सिंह देवड़ा, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. पल्लव पाण्डे्य, डॉ. हिम्मत सिंह, डॉ. पुनीत पण्ड्या, डॉ. शाहीद कुरैशी, डॉ. इंदू आचार्य, डॉ. हरीश मेनारिया सहित सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। उक्त जानकारी निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत ने दी।

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