शहर का बहुचर्चित यशवंत शर्मा हत्याकांड- 5 को उम्र कैद

शहर का बहुचर्चित यशवंत शर्मा हत्याकांड- 5 को उम्र कैद

27 जून 2018 को लूट की मंशा से कर दी थी वृद्ध की हत्या

 
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उदयपुर 12 जुलाई 2022 । शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में चार साल पहले अपनी बेटी व दोहिते के साथ अहमदाबाद से आए वृद्ध यशवंत शर्मा को उनके घर छोड़ने के बहाने वैन में बिठाकर मत्स्य कॉलेज (फिशरी कॉलेज) के पीछे ले जाकर लूट की नीयत से हत्या करने के मामले में मंगलवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया। अपने निर्णय में अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या 4 जयमाला पानीगर ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसका जल्द निर्णय हो, इसको ध्यान में रखते हुए लिए केस ऑफिसर स्कीम में लिया था।

गौरतलब हैं की सूरजपोल थाने में 28 जून 2018 को नेहा शर्मा ने रिपोर्ट दी थी कि 27 जून 2018 को वह अपने पिता यशवंत शर्मा और पुत्र विहान शर्मा के साथ अहमदाबाद से रवाना होकर रात करीब एक बजे निजी बस से उदयपुर पहुंचे थे।

उसके पिता उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद ले गए थे। बस से उदयपुर आकर वह रेलवे स्टेशन के निकट स्थित पार्श्वनाथ ट्रेवल्स के ऑफिस के सामने उतरे और ऑटो के लिए पैदल उदियापोल आने के लिए रवाना हुए। इसी दौरान पीछे से एक वैन आई, जिसमें चालक सहित चार लोग सवार थे।

चालक ने उसके पिता से पूछा कि कांकरोली चलोगे क्या, पिता ने मना किया और बोले कि हमें तो सेक्टर तीन जाना है। चालक ने कहा कि वे उन्हें सेक्टर तीन छोड़ देगा। तीनों वैन में सवार हो गए, लेकिन चालक वैन को सेवाश्रम रोड पर ले जाने की बजाय मत्स्य कॉलेज के पीछे बनी 100 फीट रोड की ओर ले गया। पिता ने वैन को रोकने को बोला, लेकिन चालक ने वाहन को नहीं रोका और अपने साथी से कहा कि यह ऐसे नहीं मानेगा। इसके बाद वाहन में सवार लोगों ने पिता पर हमला कर दिया।

इस मामले में आरोपियों तक पहुंचने के लिए सूरजपोल थाने के तत्कालीन थानाधिकारी आदर्श परिहार मय टीम ने पूरी ताकत झौंक दी थी। उच्चाधिकारियों के निर्देशन में चली जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक संदीप श्रीमाली ने 21 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए और 85 दस्तावेज पेश किए। दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के उपरांत पीठासीन अधिकारी ने अभियुक्त जगदीश पुत्र गिरधारीलाल निवासी इंद्रा कॉलोनी को भादंसं की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माना, धारा 365 में सात साल कठोर कारावास व पांच हजार, 394 में आजीवन कारावास व पांच हजार, 201 में सात साल कठोर कारावास व पांच हजार तथा 4/25 आयुध अधिनियम में छह माह कारावास एवं पांच सौ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

वहीं अभियुक्त रमेश पुत्र खेमराज निवासी बलीचा, राजमल पुत्र दलीचंद निवासी दक्षिणी विस्तार, गणेश पुत्र रोड़ाजी निवासी बलीचा व दीपक पुत्र भंवरलाल निवासी मठ मादड़ी प्रतापनगर को भादंस की धारा 302/34 में आजीवन कारावास व पांच हजार, 365 में सात साल कठोर कारावास एवं पांच हजार, 394 में आजीवन कारावास व पांच हजार तथा धारा 201 में सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।

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