अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई भ्रष्ट अधिकारियो को न दे - एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी

अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई भ्रष्ट अधिकारियो को न दे - एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी

पिछले साल के मुकाबले 2021 में डेढ़ गुना अधिक कार्यवाही

 
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उदयपुर 8 फरवरी 2022 । उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा ”भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक श्री बी.एल. सोनी के साथ आज मंगलवार को यूसीसीआई भवन में एक परिचर्चात्मक संगोष्ठी का आयोजन रखा गया। संगोष्ठी में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक आलोक श्रीवास्तव एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा भी उपस्थित रहें। 

संगोष्ठी के उपरान्त प्रेस एवं मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता के दौरान एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने कहा अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे से भ्रष्ट अधिकारियो को रिश्वत न दे। उन्होंने कहा की पिछले सालों के मुकाबले में 2021 में डेढ़ गुना अधिक कार्रवाइयां की है। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सभी वर्गों को आकर सूचनाएं देनी होगी।

डीजी बीएल सोनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में एसीबी बेहतरीन कार्य कर रही है। टीम ने न सिर्फ छोटे मोठे रिश्वतखोरो बल्कि कई बड़े बड़े अफसरों और पुलिसकर्मियों को भी ट्रैप किया है। सोनी ने कहा कि भ्रष्ट अफसरों की घूसखोरी के मामले आये दिन देखने को मिल रहे हैं, इसलिए एसीबी ने अपने व्हाट्सएप नंबर 9413502834 और हेल्पलाइन नंबर 1064 भी जारी कर रखे हैं। इन नंबरों पर कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत से अवगत करा सकता है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा  

प्रेसवार्ता के दौरान बीएल सोनी ने बताया की ट्रैप के दौरान 'ट्रैप मनी' परिवादी को लौटाने के लिए एक रिवॉल्विंग फंड बनाया गया है ताकि परिवादी को जल्द से जल्द ट्रैप मनी वापिस लौटायी जा सके। वहीँ पुराने मामले में फांसी हुई ट्रैप मनी को लौटाने के लिए कोर्ट के साथ मिलकर प्रयास कर रहे है। जो भी करेंसी ट्रैप मनी में प्रयुक्त होती है उनके डिजिटल कॉपी बना कर कोर्ट में रख दे और ट्रैप मनी जल्द से जल्द रिलीज़ करवा दे। 

सरकारी कार्मिकों की अभियोजन स्वीकृति पर कहा कि पहले की तुलना में अब बहुत ज्यादा स्वीकृति मिलने लगी है। करीब 90 फीसदी मामलो में अभियोजन स्वीकृति प्राप्त मिल जाती है। उन्होंने यूसीसीआई के सदस्यों से आह्वान किया की वह बेझिझक शिकायत दर्ज करे अमूमन देखा जाता है सामान्य वर्ग के लोग तो भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत कर देते है लेकिन बड़े व्यापारी शिकायत नहीं करते है।  

उदयपुर नगर निगम में हाल ही में 272 भूखंड को लेकर चल रहे विवाद मामले पर कहा कि इस पूरे मामले की याद जानकारी मिली है। कानून के हिसाब से तीन तरह की कार्यवाही होती ही पहली तो ट्रैप की उनमे किसी की परमिशन की ज़रूरत नहीं होती है, दूसरी आय से अधिक सम्पति पाए जाने की कार्यवाही होती। यह 'पद के दुरूपयोग' का प्रकरण है। जिसमे कतिपय अधिकारियो ने पद का दुरूपयोग कर प्लॉट्स का गलत आवंटन कर दिया। संबंधित विभाग के अधिकारियों को पूरी जानकारी दी जाएगी और ऐसे में अनुमति ले कर कार्यवाही की जाएगी।

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