पेपर लीक मामले में 33 आरोपियों कों मिली ज़मानत, बाकियों कों भी मिल सकती हैं ज़मानत

पेपर लीक मामले में 33 आरोपियों कों मिली ज़मानत, बाकियों कों भी मिल सकती हैं ज़मानत 

22 दिन के बाद कोर्ट से मिली राहत 
 

उदयपुर 17 जनवरी 2023 । सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में पकड़े गए कुल 57 में से 33 आरोपियों को 22 दिनों के बाद कोर्ट से जमानत मिल गई है। बाकी आरोपियों को भी एक दो दिन में जमानत मिल सकती है। मामले में अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि उदयपुर पुलिस द्वारा इस केस को ​कानूनी तौर पर कमजोर तरीके से पेश किया गया था। पुलिस ने जिन धाराओं में केस दर्ज किया, उन धाराओं पर आरोपी पक्ष के वकीलों ने सवाल खड़े किए। जिसके आधार पर आरोपियों को कोर्ट से आसानी से जमानत मिल गई। 

आरोपी गणेश और सुनील कुमार के वकील रविन्द्र सिंह हिरण ने बताया कि पुलिस इस केस को और बेहतर तरीके से इन्वेस्टिगेट कर सकती थी। कुछ ऐसे पहलू थे जिन पर पुलिस और ज्यादा ध्यान रख सकती थी। जैसे पकड़े गए आरोपियों में से ज्यादातर स्टूडेंट्स हैं, एक साथ जा रहे हैं, इस तरह से सबको एक साथ सीधा गिरफ्तार कर लेना सही नहीं है। 

पहले सीआरपीसी की धारा 41 के तहत प्रत्येक आरोपी को नोटिस देकर पूछा जाना चाहिए था। क्योंकि इस बस में चालक, खलासी और आरोपियों के मित्र भी थे। सीधे ही सबको गिरफ्तार कर लेना ठीक नहीं होता है। सबकी को नोटिस देकर उनसे उनकी भूमिका के बारे में पूछा जाना चाहिए था, अगर वो आरोपी पाए जाते तो उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए थी। 
 
उदयपुर पुलिस ने 23 दिसम्बर 2022 को गोगुंदा होते हुए उदयपुर आ रहे 44 अभ्यर्थियों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। जिन पर आईपीसी की धारा 420, धारा 419, 120 बी में मुकदमा दर्ज किया। साथ ही राजस्थान पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन आफ अनफेयर मिन्स एक्ट) 1992 की धारा 3, 4, 6 में केस दर्ज किया था। जो कि एग्जामिनेशन के दौरान गलत तरीके चीटिंग करते हुए या उनके पास नकल उपकरण मिलने पर ये धाराएं लगाई जा सकती हैं। लेकिन इस मामले में अभ्यर्थियों को चलती बस से गिरफ्तार किया गया था। 

कमलेश कुमार, नीतिश कुमार, सुनील कुमार, नागराज, प्रकाश, केशराम, सोवनी कुमारी, मेनका, संतोष, जयंति, सुनील कुमार, रमेश कुमार, बदराराम, श्रवण कुमार, रघुनाथराम, रमेश कुमार, मगनलाल, दिनेश, जगदीश कुमार, गंगाराम, महेन्द्र कुमार, कपिल, लाभूराम, सावलाराम, सुखदेव, सुभाष, नरेश, भजनलाल, सुरेश कुमार, गणेश, पीराराम, भजनलाल और सुनील कुमार को जमानत मिली है। 

ये था पूरा मामला 

बता दें, 23 दिसंबर 2022 को सुबह 9 बजे से सी​नियर टीचर भर्ती का जीके का पेपर था। उसके करीब दो घंटे पहले ही उदयपुर पुलिस ने गोगुंदा इलाके में एक संदिग्ध बस को रुकवाया। जिसमें सुरेश विश्नोई का नाम व्यक्ति अभ्यर्थियों को जीके का पेपर सॉल्व करवा रहा था। उसी शाम को पुलिस ने सुखेर इलाके की एक होटल से 10 अन्य व्यक्तियों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था। सरकारी स्कूल के हैड मास्टर सुरेश विश्नोई इस पूरे मामले का सरगना है जिसने पुलिस पूछताछ में ये कबूल किया था कि उसे सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण ने पेपर उपलब्ध कराया था।

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