उदयपुर 9 अगस्त 2022 । करीब आठ वर्ष पूर्व डबोक थाना क्षेत्र की मान्या मगरी पर रहने वाले किशोर की गला घोंटकर हत्या करने और साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को अन्यंत्र फेंकने के मामले में विशिष्ट न्यायाधीश अजा/ अजजा (अनिप्र) ज्योति के. सोनी ने एक अभियुक्त को दोषी मानते हुए उसे विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई। मामले से अभियुक्त की पत्नी व बेटी को आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
डबोक थाने में 27 नवंबर 2014 को कैलाश ने रिपोर्ट दी थी कि वह परिवार और छोटे भाई टीनू के साथ रहता है। 26 नवंबर रात उसका भाई टीनू घर आया और कुछ देर के बाद वापस चला गया। अगले दिन उसका शव उदय क्लब के पास खेत में पड़ा मिला। नाहरमगरा निवासी किशनसिंह पुत्र शिवसिंह राजपूत, उसकी पत्नी दरियावकुंवर व बेटी सुगन कुंवर ने हत्या कर शव को यहां लाकर फेंका।
विशिष्ट लोक अभियोजक बंशीलाल गवारिया ने तर्क दिया कि मृतक का मोबाइल आरोपी सुगनकुंवर के कमरे से बरामद हुआ था, यह वहां तक कैसे पहुंचा। दोनों पक्षों की बहस एवं दलीलें सुनने के उपरांत पीठासीन अधिकारी ने आरोपी माता और उसकी पुत्री को संदेह का लाभ देते हुए आरोपों से दोषमुक्त कर दिया, जबकि इसके पिता किशनसिंह को भादंसं की धारा 302/34 में आजीवन साधारण कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माना, 201/34 में सात वर्ष कारावास एवं पांच हजार रुपए व अजा/अजजा की धारा में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई
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