उदयपुर 9 दिसंबर 2024। ठेला फुटपाथ व्यवसायी पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के तहत उदयपुर शहर में अपने व्यवसाय को चला रहे हैं, लेकिन नगर निगम, प्रशासन और पुलिस द्वारा अतिक्रमण के नाम पर उनकी बेदखली और सामान जप्त करने की कार्रवाई को गैर कानूनी और अवैध बताया गया है। ठेला व्यवसायी मजदूर यूनियन के संरक्षक एवं वरिष्ठ एडवोकेट राजेश सिंघवी ने इस मुद्दे पर एक बैठक में कहा कि पथ विक्रेता अधिनियम के लागू होने से नगर निगम और प्रशासन को ठेला व्यवसायियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।
बैठक में यूनियन के पूर्व अध्यक्ष गुमान सिंह राव ने कहा कि नगर निगम उन ठेला व्यवसायियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है, जिन्हें उसने खुद लाइसेंस दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये व्यवसायी शहर की जनता की सेवा कर रहे हैं, लेकिन उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। यूनियन ने ठेला व्यवसायियों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष का संकल्प लिया है।
सीटू के वरिष्ठ नेता हीरालाल सालवी ने कहा कि शहर में पार्किंग की कमी और वाहनों की गलत पार्किंग के कारण यातायात की समस्या बढ़ी है, लेकिन नगर निगम, प्रशासन और पुलिस इन समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे ठेला व्यवसायियों को परेशान कर रहे हैं, जबकि मुख्य समस्या पार्किंग की है।
यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद निजाम ने कहा कि नगर निगम को बार-बार कानून के बारे में बताया गया, लेकिन उनकी कार्रवाई में कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने बताया कि शहर में नो वेंडिंग जोन घोषित किए गए हैं, लेकिन किसी भी स्थान पर वेंडिंग जोन नहीं बनाए गए हैं, जिससे ठेला व्यवसायियों के लिए वैध स्थान पर व्यवसाय करना असंभव हो गया है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 10 दिसंबर को जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें ठेला व्यवसायियों के खिलाफ अतिक्रमण के नाम पर गैर कानूनी कार्रवाई नहीं करने और उन्हें सम्मान के साथ व्यवसाय करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा, 1 जनवरी को नगर निगम कार्यालय और जिला कलेक्टर कार्यालय पर ठेलों के साथ प्रदर्शन करने का भी फैसला लिया गया।
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