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Bhilwara : बालवाहिनियों की विशेष जांच अभियान के तहत 16 वाहनों पर कार्रवाई

निरीक्षण में प्रदूषण के प्रमाण नहीं; पानी के नमूने लैब में भेजे गए
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1.मंगरोप एनीकट पर बनास नदी के जल की स्थिति संबंधी निरीक्षण रिपोर्ट

भीलवाड़ा, 01 नवम्बर। बनास नदी में प्रदूषण संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर श्री जसमीत सिंह संधू के निर्देशानुसार राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, क्षेत्रीय कार्यालय भीलवाड़ा के अधिकारियों द्वारा मंगरोप एनीकट स्थल का निरीक्षण किया गया, ताकि वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके।

इस निरीक्षण में क्षेत्रीय अधिकारी श्री दीपक धनेटवाल, अधीक्षण वैज्ञानिक अधिकारी श्री महेश कुमार सिंह एवं सहायक पर्यावरण अभियंता जितेन्द्र सिंह मीणा सम्मिलित रहे।

क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि मौका निरीक्षण के दौरान मंगरोप एनीकट में पानी का बहाव काफी तेज पाया गया। सामान्यतः किसी इकाई द्वारा छोड़े गए दूषित जल में टी.डी.एस. का मान 40,000 से 1,00,000 पी.पी.एम. के आस पास रहता है तथा साफ पानी में घुलने के पश्चात भी यह मान 3,000 पी.पी.एम. से कम नहीं होता।

इसके अतिरिक्त, दूषित जल के साफ पानी में मिलने से पानी का रंग सामान्यतः गहरा भूरा अथवा काला हो जाता है।

निरीक्षण के समय मंगरोप एनीकट पर बहते पानी का रंग मटमैला पाया गया।

टीम द्वारा विभिन्न स्थानों पर पानी के टी.डी.एस. मान की जांच की गई, जो सामान्यतः 350 से 400 पी.पी.एम. से अधिक किसी स्थान पर नहीं पाया गया। अतः प्रथम दृष्टया पानी के रंग एवं टी.डी.एस. मान के आधार पर यह प्रतीत होता है कि उक्त पानी में औद्योगिक अपशिष्ट नहीं है।

फिर भी, विस्तृत विश्लेषण हेतु टीम द्वारा पानी का नमूना एकत्रित कर क्षेत्रीय प्रयोगशाला, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, भीलवाड़ा में जमा कराया गया है, जिससे अन्य मानकों की भी जांच की जा सके। 

2.बालवाहिनियों की विशेष जांच अभियान के तहत 16 वाहनों पर कार्रवाई

 भीलवाड़ा, 03 नवंबर। जिला कलक्टर श्री जसमीत सिंह संधू के निर्देशानुसार सोमवार को बालवाहिनियों के संबंध में विशेष जांच अभियान चलाया गया। जिला परिवहन अधिकारी रामकृष्ण चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान विभाग के उड़नदस्तों द्वारा कुल 32 बालवाहिनियों की मौके पर जांच की गई। जांच के दौरान विभिन्न अनियमितताएं पाई जाने पर 16 वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए चालान बनाए गए।

इनमें से 10 बसों में बिना फिटनेस, परमिट शर्तों का उल्लंघन, बिना चालक लाइसेंस, सीट बेल्ट व रिफ्लेक्टर के अभाव जैसी कमियां पाई गईं।

इसके अलावा 4 ऑटो रिक्शा में ओवर क्राउडिंग व बिना लाइसेंस, तथा 2 वैन में बिना बीमा, बिना फिटनेस और निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों के परिवहन के मामलों में कार्यवाही की गई।

सभी वाहन स्वामियों एवं संचालकों को यह निर्देशित किया गया है कि वे बालवाहिनी परमिट की शर्तों के अनुरूप ही वाहनों का संचालन करें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि सभी उड़नदस्तों को अपने-अपने आवंटित क्षेत्रों में बालवाहिनियों की नियमित जांच करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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