News-लू तापघात को लेकर विभागीय एडवायजरी हुई जारी
राजसमंद 16 अप्रैल। प्रदेश में बढ़ते तापमान को मध्येनजर रखते हुए गर्मी में लू - तापघात से बचाव एवं उचार के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी जारी की है। जिसको लेकर सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये है। आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर -घर संपर्क के दौरान एवं ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समितियों की बैठक में लू - तापघात को लेकर आमजन को जागरूक करने के लिये निर्देशित किया है।
क्या है लू तापघात...
सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने बताया कि इस प्रचंड गर्मी के प्रकोप में लू से कोई भी बिमार हो सकता है। परन्तु विशेषकर कुपोषित बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलांए, धुप में कार्यरत श्रमिक, यात्री, खिलाड़ीयो के अधिक बिमार होने की संभावना होती है। अत्यधिक गर्मी से शरीर में लवण व पानी की मात्रा अपर्याप्त हो जाती है जिससे लू - तापघात नामक बिमारी हो जाती है।
ये लक्षण नजर आये तो करें तुरंत करे बचाव...
सीएमएचओ ने बताया कि लू तापघात के लक्षण सिर का भारीपन व सिरदर्द, अधिक प्यास लगना, शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सुखा होना है। समुचित उपचार के अभाव में लू तापघात के रोगी की मृत्यु भी संभव है। इसलिये बिमारी से बचाव के लिये बच्चो, गर्भवती महिलाओं, वृद्ध व श्रमिको को छायादार स्थानो पर रहना चाहिए। तेज धुप में निकलना आवश्यक हो तो ताजा भोजन करके, ठंडे जल को सेवन कर बाहर निकलना चाहिये। धुप में जाते समय छाते का उपयोग अथवा कपडे़ से सिर व बदन को ढ़कर कर रखना चाहिये। गर्मी के मौसम में सामान्यतः होने वाली लू तापघात बिमारी से ग्रस्त होने पर तुरंत उपचार देना चाहिये। अपने स्तर पर ही रोगी को तुरन्त छायादार ठंडे स्थान पर लिटाकर रोगी की त्वचा को गीले कपडे़ से स्पंज करते रहे, रोगी के कपडे़ ढिले कर ठंडा पानी पिलाकर तत्काल नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर उपचार के लिये ले जाना चाहियें।
चिकित्सा संस्थानो के प्रभारीयो को दिये निर्देश
सीएमएचओ ने जिले के सभी चिकित्सा संस्थानो के चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया है कि वे अपने संस्थानो पर वार्ड में दो चार बैड लू तापघात के रोगियों हेतु आरक्षित रखे। वार्ड का वातावरण कुलर व पंखे से ठंडा रखा जाये। चिकित्सा संस्थानो में मरीज एवं उनके परिजनो के लिये शुद्ध ठंडे पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। लू - तापघात से ग्रस्त रोगियों के उपचार हेतु आवश्यक दवाईंयां तैयार रखी जावे। चिकित्सको एवं नर्सिंग स्टॉफ को सजग एवं सर्तक रखा जावे, प्रत्येक संस्थान पर रेपिड रेस्पोंस टीमो को सक्रीय किया जावे।
News-मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की जिला स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न
राजसमंद 16 अप्रैल। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 के द्वितीय चरण के अंतर्गत तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुमोदन हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा, उप वन संरक्षक, संयुक्त निदेशक कृषि, उप निदेशक उद्यान, अधिशासी अभियंता जल संसाधन, कनिष्ठ अभियंता भू-जल, जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण के अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता तथा पंचायत समितियों के विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
एसई अनिल सनाढ्य ने बताया कि बैठक में जिले की सभी 8 पंचायत समितियों की ओर से प्रस्तुत मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 (द्वितीय चरण) अंतर्गत तैयार की गई डीपीआर का गहन समीक्षा के पश्चात सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। ये परियोजनाएं जिले में जल संरक्षण, भू-जल पुनर्भरण तथा पर्यावरण संतुलन के लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
कलक्टर ने कहा कि आगामी दो दिवस के भीतर सभी संबंधित विभाग एवं मनरेगा के माध्यम से अधिकाधिक राजकीय भवनों में रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं, जल कुण्ड, छोटे एनीकट, तथा वृक्षारोपण कार्य को जियो टैगिंग करें। उन्होंने भू-जल विभाग को निर्देशित किया गया कि वे दो दिन के भीतर भू-जल पुनर्भरण के लिए आवश्यक गतिविधियों के विस्तृत सुझाव एवं कार्य योजना प्रस्तुत करें।
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