अध्यक्ष और आशुतोष पूरी के बीच विवाद हुआ गंभीर

अध्यक्ष और आशुतोष पूरी के बीच विवाद हुआ गंभीर 

 
Bar association Udaipur

उदयपुर 31 मार्च 2023। बार एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष राकेश मोगरा और अधिवक्ता आशुतोष पुरी गोस्वामी के बीच चल रहा विवाद अब और भी गंभीर मोड़ लेता जा रहा है।

इसी के चलते अधिवक्ता आशुतोष पुरी गोस्वामी ने गुरुवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की वह उन्हें इसलिए टारगेट कर रहे हैं कि पिछले बार एसोसिएशन के इलेक्शन के दौरान वह पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरिजा शंकर के सपोर्ट में थे, उन्होंने आरोप लगाया कि राकेश मोगरा उन पर व्यक्तिगत रूप से निशाना साध रहे हैं और उन पर झूठे आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ भूपालपुरा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। उन्होंने इस मामले को लेकर भूपालपुरा थाने में मोगरा के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की है।

इस मामले पर बार एसोसिएशन 2023 के महासचिव शिव कुमार उपाध्याय ने इस मामले में आशुतोष द्वारा लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि बार एसोसिएशन उदयपुर किसी से भी कोई व्यक्तिगत लेना देना नहीं रखता है,जिस तरह का आरोप आशुतोष लगा रहे हैं कि पिछले बार इलेक्शन के दौरान वह गिरिजा शंकर जी के सपोर्ट में थे और पिछले बार इलेक्शन में राकेश मोगरा से हार गए थे, जिसकी वजह से उनसे व्यक्तिगत द्वेष रख रहे हैं, जबकि ऐसी कोई भी बात नहीं है।

उपाध्याय ने कहा कि पिछले बार एसोसिएशन के इलेक्शन में गिरिजा शंकर के सपोर्ट में केवल मात्र आशुतोष ही नहीं थे लेकिन और भी कई अधिवक्ता उनके सपोर्ट में थे तो फिर राकेश मोगरा क्यों उनसे व्यक्तिगत रूप से टारगेट करेंगे।

उन्होंने बताया कि पूर्व में भी आशुतोष द्वारा बार एसोसिएशन की अखंडता के विरुद्ध जाकर कई कार्य किए गए, इसी के साथ उन्होंने महिला अधिवक्ता संगीता अरोड़ा को भी मोहरा बनाकर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए हाईकोर्ट में एक रिट प्रस्तुत करवाई थी जो कि कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई।और उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

उपाध्याय ने बताया कि उनके द्वारा जब संगीता अरोड़ा को बार एसोसिएशन की तरफ से एक नोटिस दिया गया तो संगीता ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आशुतोष पुरी  का नाम बताते हुए स्पष्ट किया कि उनके द्वारा एक शपथ पत्र डिक्टेट कराया गया था और उन्हें इस बारे में भी धमकाया गया था कि अगर उन्होंने किसी से भी आशुतोष का नाम लिया तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

यही नहीं आशुतोष पुरी गोस्वामी ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा पर यह भी आरोप लगाया है कि कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के चलते उन्हें बार एसोसिएशन से निकाल दिया गया है, लेकिन यह तो रूल्स में है कि अगर किसी के खिलाफ भी कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई चल रही है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता, उपाधयाय ने कहा कि वह कोई व्यक्तिगत कंटेम्ट नहीं था, खंडेला में एक अधिवक्ता द्वारा किये गए आत्मदाह के चलते बार काउंसिल ने यह निर्णय लिया था कि सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। उपाध्याय ने कहा कि इसी के चलते कई अन्य अधिवक्ता जिनमें वह खुद भी शामिल है अभी भी कंटेम्ट ऑफ कोर्ट भुगत रहे हैं। यह कोई व्यक्तिगत कंटेम्ट नहीं था बार के हितों के लिए कंटेंट किया गया था, और इसको लेकर उन्हें कई बार पेशियों पर भी जाना पड़ा।

अगर एक अधिवक्ता ही दूसरे अधिवक्ता के खिलाफ हाई कोर्ट में जाकर रेट लगाएगा तो कौन दूसरा अधिवक्ता किसी अधिवक्ता के लिए आवाज उठाएगा।

उपाध्याय ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि आशुतोष के खिलाफ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा का कोई व्यक्तिगत निर्णय नहीं था यह बार कमेटी का निर्णय था।

इसी को लेकर जब आशुतोष पुरी गोस्वामी बुधवार को कोर्ट परिसर में आए तो उन्होंने अध्यक्ष को धमकी दी कि वह उन्हें गोली से उड़ा देंगे उनकी अध्यक्षता खत्म करवा देंगे इसको लेकर फिर दोनों के बीच में हल्की-फुल्की धक्का-मुक्की हुई।

उपाध्याय ने यह भी साफ किया कि इस मामले में थाने में शिकायत दर्ज कराने की पहल भी आशुतोष पुरी गोस्वामी ने ही की है, जब उन्होंने  थाने में शिकायत दर्ज कराई उसके बाद ही बार की कार्यकारिणी ने निर्णय लेते हुए उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

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