एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में व्याप्त विसंगति दूर कर बिल पारित करने तक अधिवक्ता करेंगे हड़ताल

एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में व्याप्त विसंगति दूर कर बिल पारित करने तक अधिवक्ता करेंगे हड़ताल

मेवाड़ वागड़ के सभी एसोसिएशन ने की आपात बैठक

 
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उदयपुर 17 मार्च 2023। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को सशक्त तरह से लागू करने और उसमें रही विसंगतियों के तत्काल निराकरण कर उसे ध्वनिमत से पारित किए जाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि बिल पूर्णतया पास न हो जाए। 

बार एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष राकेश मोगरा ने बताया कि यह निर्णय आज उदयपुर बार एसोसिएशन के आव्हान पर मेवाड़ वागड़ अंचल से आए जिला स्तरीय बार तालुका स्तरीय बार खंड स्तरीय बार के पदाधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक में मंथन के साथ तय की गई जिसमें सभी अधिवक्ताओं ने अपने अपने सुझाव रखे और इसको सरकार पर दबाव बनाकर पूरी तरह विसंगति दूर कर लागू कराने की बात पर सहमति बनी।

बैठक में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के को चेयरमैन एडवोकेट सुरेश श्रीमाली ने सरकार पर विसंगति दूर कर ही बिल पारित करने का दबाव डालने की बात कही श्रीमाली ने कहा कि वह केंद्र सरकार से भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पारित कराने के संदर्भ में बातचीत कर रहे हैं। इधर  बार काउसिल ऑफ राजस्थान के को-चेयरमैन राव रतन सिंह ने भी उक्त एक्ट में व्याप्त विसंगति को दूर करने की बात कही जब तक संशोधन नहीं हो जाता तब तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।

बार एसोसिएशन चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ने संशोधन प्रस्ताव बनाकर भेजने और उससे तब ही पास कराने का प्रारूप भेजने की बात कही। बार अध्यक्ष डूंगरपुर विवेक दीक्षित, बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजसमंद हर्षवर्धन सिंह राठौड़, डूंगरपुर के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण शुक्ला, उपाध्यक्ष डूंगरपुर शैलेंद्र भंडारी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन खेरवाड़ा पूनमचंद अहारी, डूंगला अध्यक्ष पंकज कुमार शर्मा ने सर्वसम्मति से बिल में विसंगति को दूर कर के एक्ट पारित कराने तक हड़ताल जारी रखने का सुझाव दिया।

मेवाड़ वागड़ हाईकोर्ट बैंक संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना ने बताया कि बार काउंसिल राजस्थान के जयपुर और जोधपुर के सदस्य मिलकर संघर्ष समिति के साथ बैठकर इसका सोच समझकर विधिवत निदान करें। पूर्व संयोजक शांतिलाल चपालोत ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 3,4 ओर 9 में संशोधन की मांग की है।

बैठक को विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ प्रवीण खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष जयकृष्ण दवे, कपासन के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह राणावत, सचिव बार एसोसिएशन कपासन गोविंद सिंह पवार ने भी संबोधित किया प्रारंभ में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा ने सभी का स्वागत करते हुए इस आपातकालीन बैठक को बुलाए जाने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट कमलेश दवे ने किया।

यह प्रस्ताव हुए पारित

  • राज्य सरकार अधिवक्ताओं के प्रस्तावित एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की धारा 3,6,9 व 11 में आवश्यक सुधार कर अधिवक्ताओं की भावनाओं के अनुरूप उसे विधानसभा में न्याय संगत रूप से पारित करें।
  • बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता के साथ अधिनियम को ही सरकार विधानसभा में पारित करवाकर उन के प्रावधानों को लागू करें।
  • सभी विधानसभाओं से विधायक सांसद बोर्ड निकाय के अध्यक्ष जो कि सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं के साथ यह अधिवक्ताओं की सभा सरकार पर दबाव बनाए और विधानसभा में इस बारे में प्रश्न उठाये। बैठक में सभी अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सभी विधायक को पत्र लिखकर निवेदन किया जाएगा की बिल में रही कमियों को  विधानसभा में उठाकर उनका संशोधन करवा कर चर्चा करें।
  • अधिनियम के तहत अधिवक्ता के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर मुकदमा दर्ज करने से पहले बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के साथ बार एसोसिएशन की विधि संगत अनुशंसा भी प्राप्त करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।

बैठक पूर्व अध्यक्ष रामकृपा शर्मा, भरत वैष्णव, महेंद्र नागदा, मनीष शर्मा, राजेंद्र सिंह राठौड़, हुकुम राज सिंह राणावत, हरीश पालीवाल, ओमप्रकाश बारबर सहित उपाध्यक्ष योगेंद्र दशोरा, सचिव चेतन प्रकाश पालीवाल, वित्त सचिव हरीश सेन, पुस्तकालय सचिव राकेश आचार्य, सदस्य धन सिंह झाला, मनोज अग्रवाल, जयराज सिंह चौहान सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता महिला अधिवक्ता और बाहर से आए जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
 

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