News-बालकों से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता रखते हुए कार्य करें-एडीएम गोयल
बांसवाड़ा 21 मई। जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक बुधवार को जिला कलेक्टर के निर्देषन में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अभिषेक गोयल की अध्यक्षता में जिला कलेक्टर कार्यालय स्थित सभागार में सम्पन्न हुई। एडीएम गोयल ने बाल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे विभाग एवं संस्थाओं से कहा कि बालकों से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता रखते हुए पीडि़त एवं जरूरतमंद बालक को समय पर न्याय एवं हरसंभव सुविधा मुहैया कराने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा जिले को बाल विवाह एवं बाल श्रम से मुक्त जिला घोषित करवाने के लिए हम सतत प्रतिबद्ध हैं और हाल ही में बाल विवाह रोकथाम के लेकर स्थानीय प्रशासन और संबंधित संस्थाओं द्वारा जो प्रयास किए गए हैं वे सराहनीय और अनुकरणीय हैं। आगे भी इन प्रयासों को जारी रखना होगा जिससे हम यहां के बालक बालिकाओं को संरक्षित वातावरण उपलब्ध करा सके।
इस अवसर पर उदयपुर संभाग की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिंधु बिनुजीत ने संभाग स्तर पर संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम एवं बाल संरक्षण से जुड़ी विविध गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी और बाल संरक्षण के लिए सभी को समन्वित प्रयास करते हुए बाल हितेषी वातावरण तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि हम सभी बच्चों के लिए कार्य कर रहे है तो हमारा दायित्व बनता है कि उन्हें सुरक्षित एवं षिक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास करें।
श्रीमती बिनुजीत ने कहा कि प्रषासन की टीम के समन्वित प्रयासों से जिले में डेढ माह में 33 से अधिक बाल विवाह रोकना सराहनीय कदम है। जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप रोकडिया ने पोक्सो एक्ट एवं बाल श्रम से जुड़े मामलों पर प्रकाष डालते हुए बाल कल्याण समिति की गई कार्यवाही के बारे में सदन को अवगत कराया।
इस अवसर पर बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नानूलाल रोत ने बताया कि बांसवाड़ा जिले में बाल संरक्षण के लिए लगातार प्रभावी कार्य किया जा रहा है और समय-समय पर बाल श्रम की सूचना मिलने पर टास्क फोर्स की टीम द्वारा रेस्क्यू करके बाल श्रमिकों को छुड़वाकर जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से परिवार में पुनर्वासित करवाया जाता है। चाइल्ड लाइन के समन्वयक कमलेश बुनकर ने बाल विवाह रोकथाम, बाल श्रम एवं भिक्षावृति उन्मूलन के लिए प्रशासन के सहयोग से की गई कार्यवाही के बारे में अवगत कराया।
इस अवसर पर बाल संरक्षण से जुड़े विभागों के अधिकारियों व संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव दिए। बैठक में मानव तस्करी यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह, सहायक श्रम आयुक्त कुलदीप, चिकित्सा अधिकारी यशपाल राठौड़, महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग से अनिल व्यास, बाल कल्याण समिति के राजेश ओमास, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष गोपाल पण्ड्या, बेणेश्वर लोक विकास संस्थान के धर्मेश भारद्वाज, राधा स्वामी बालगृह से दीपमाला सोनी, पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम टीम से दिलीप सालवी आदि मौजूद रहे।
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