उदयपुर 28 जुलाई 2025 । टीएडी विभाग में कथित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सोमवार को भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने उदयपुर स्थित टीएडी आयुक्त कार्यालय का घेराव कर जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया और पुतले पर टीएडी मंत्री बाबुलाल खराडी की फोटो के साथ खाऊलाल खराडी नाम लिखकर मंत्री का पुतला फूंका।
भीड के साथ आयुक्त कार्यालय में घुसने का प्रयास कर रहे बीएपी नेताओं को पुलिस ने मुख्यद्वार पर ही रोक लिया तो टीएडी विभाग में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों में विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं किये जाने से आक्रोशित बीएपी कार्यकर्ता धरियावद विधायक थावरचंद डामोर और बीएपी प्रदेशाध्यक्ष रमेश मईडा के नेतृत्व में टीएडी आयुक्तालय के बाहर धरने पर बैठ गये और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और टीएडी मंत्री बाबुलाल खराडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
"बाबुलाल नहीं खाऊलाल है, ठेकेदारों का दलाल है" जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शकारियों ने हाथों में घोटालों के संबंध में अखबारों में प्रकाशित खबरें लहराते हुए आरोप लगाये कि आदिवासी समुदाय के बजट में सरकार के अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं और कमीशनखोरी के चक्कर में बच्चों को घटिया क्वालिटी का खाना दिया जा रहा है जिसमें भी कीडे और मच्छर निकल रहे है। मंत्री खराडी और विभाग के अधिकारी अपने बच्चों को ऐसा खाना खिलाकर दिखायें।
धरने के बाद बीएपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने टीएडी आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी से मुलाकात कर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव, टीएडी विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा और घोटालों की जल्द से जल्द जांच करवाकर दोषियों को जेल भेजने और गबन की गई राशि वसुल करने की मांग रखी।
प्रतिनिधिमंडल मे धरियावद विधायक थावरचंद डामोर, बीएपी प्रदेशाध्यक्ष रमेश मईडा, उदयपुर जिलाध्यक्ष अमित कुमार खराडी, सलूंबर विधानसभा प्रत्याशी जितेश कटारा एवं प्रतापगढ़ विधानसभा प्रत्याशी मांगीलाल ननामा, सामाजिक कार्यकर्ता युनुस चौपदार समेत प्रमुख नेता मौजूद रहे।
विधायक थावरचंद डामोर ने बताया कि 7 मई 2025 को टीएडी कर्मचारियों ने दस्तावेजों में जालसाजी कर तत्कालीन आयुक्त शक्ति सिंह राठौड़ के फर्जी डिजिटल साईन से 23 निर्माण कार्यों के लिए लगभग 4 करोड़ राशि की फर्जी प्रशासनिक स्वीकृति जारी करदी। तत्कालीन आयुक्त राठौड़ ने इस मामले मे एफआईआर दर्ज करवाने के निर्दैश दिये थे लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। विधायक डामोर ने कहा कि एक फर्जी आदेश का खुलासा तो हो गया,लेकिन टीएडी को गहन जांच करवाकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे फर्जी आदेश और तो नहीं निकले।

केंद्र सरकार के कोयर बोर्ड से 14 करोड़ की राशि से लगभग 33000 गद्दों की खरीद पर सवाल उठाते हुए जिलाध्यक्ष अमित खराडी ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसी की आड में 1500 रु का घटिया क्वालिटी का गद्दा 4354 रू मे खरीदा गया जिनकी कोई गारंटी/वारंटी ही नहीं ली गई और 2 साल की अवधि मे ही यह गद्दे पिचक गये। इन गद्दों की न्यूनतम उपभोक्ता अवधि 7 साल होने के प्रावधान हैं लेकिन अफसरों की कमीशनखोरी के चलते 14 करोड़ रुपए बर्बाद हो गये।
विगत दिनों सामाजिक कार्यकर्ता युनुस चौपदार के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार के मामले में सलूम्बर उपचुनाव में बीएपी प्रत्याशी रहे जीतेश कटारा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अधिकारी घोटाले कर रहे है और सरकार मौन बैठी है और जो व्यक्ति इन घोटालों की पोल खोल रहा है, उसे नाजायज परेशान कर दुर्व्यवहार किया जाना बर्दाश्त नही करेंगे।
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