दक्षिणी राजस्थान में BAP ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल


दक्षिणी राजस्थान में BAP ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल

BAP ने राजस्थान में 3 और एमपी में 1 सीट जीती, 8 सीट पर कांग्रेस और 4 पर भाजपा को पहुँचाया नुक्सान

 
BAP
4 स्थानों पर रही दूसरे नंबर की पार्टी 

उदयपुर 4 दिसंबर 2023। राजस्थान विधानसभा चुनावो के नतीजे घोषित हो चुके है। आदिवासी बहुल दक्षिणी राजस्थान के वागड़, मेवाड़ और सिरोही की आबू पिंडवाड़ा सीट पर दो साल पहले गठित नई पार्टी भारत आदिवासी पार्टी यानि बाप (BAP) ने इस इलाके में अच्छे खासे वोट लेकर  कांग्रेस भाजपा की नींद हराम कर दी। 

पिछले चुनाव में डूंगरपुर ज़िले में दो सीट हासिल करने बीटीपी (भारत ट्राइबल पार्टी) से टूटकर दो साल पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी बीएपी (BAP) ने इस चुनावो में न सिर्फ दक्षिणी राजस्थान में धूम मचाई बल्कि मध्यप्रदेश में भी एक सीट जीत कर आदिवासी राजनीती में एक हलचल पैदा कर दी है। दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर ज़िले की चौरासी और आसपुर तथा प्रतापगढ़ ज़िले की धरियावद विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराया वहीँ मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले की सैलाना विधानसभा सीट पर जीत हासिल की है। 

डूंगरपुर ज़िले में विधानसभा की चार सीटों में से बाप ने दो सीट तो जीती ही है बाकि दो सीटों डूंगरपुर शहर और सागवाड़ा सीट पर बाप पार्टी के उम्मीदवार दुसरे नबंर पर रहे। वहीँ बांसवाड़ा ज़िले की बागीदौरा और घाटोल सीट पर बाप के उम्मीदवार दुसरे नंबर पर रहे। 

जबकि उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और सिरोही ज़िले के सीटों पर बाप के उम्म्मीद्वारों ने हार जीत को प्रभावित किया है। बाप के कम से कम 8 सीट पर कांग्रेस को 5 सीट पर भाजपा को सीधा सीधा नुक्सान पहुँचाया है।

आइये विश्लेषण करते है बाप (BAP) को मिले वोटो से कौन कौन सी सीट पर हुआ उलटफेर 

इन सीटों पर हुई जीत 

चौरासी (डूंगरपुर) - इस विधानसभा सीट पर बाप के राजकुमार रोत ने 1 लाख ग्यारह हज़ार 150 वोट लेकर अपने निकटतम प्रत्याशी भाजपा के सुशील कटारा को 69166 वोट से भारी जीत हासिल की। कांग्रेस के अनुभवी ताराचंद भगोरा को तीसरे स्थान पर धकेला। 

आसपुर (डूंगरपुर) - इस विधानसभा सीट पर बाप के उमेश मीणा ने 93742 वोट लेकर भाजपा के गोपीचंद मीणा को 28940 मतो से पटखनी दी। यहाँ भी कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेला।  

धरियावद (प्रतापगढ़) - इस सीट पर बाप के थावरचंद ने 83655 वोट प्राप्त कर भाजपा के कन्हैयालाल मीणा को 6691 वोटो से हराया और कांग्रेस के 2021 उपचुनाव के विजेता नागराज मीणा को तीसरे स्थान पर भेजा। 

सैलाना (रतलाम, मध्य प्रदेश) - रतलाम ज़िले की सैलाना सीट पर बाप के कमलेश डोडियार ने  71219 वोट लेकर कांग्रेस के हर्ष गहलोत 'गुड्डू' को 4618 वोटो से हराया। इस सीट पर भाजपा की उम्मीदवार श्रीमती संगीता को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 

इन सीटों पर रहे दुसरे नबंर पर  

डूंगरपुर- इस विधानसभा सीट पर बाप के प्रत्याशी कांतिलाल रोत ने 45602 वोट हासिल किये जबकि कांगेस के गणेश घोघरा को 69388 वोट मिले। यहाँ पर बीजेपी को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 

सागवाड़ा (डूंगरपुर) - इस विधानसभा सीट पर बाप के प्रत्याशी मोहनलाल रोत को 63176 वोट मिले जबकि भाजपा के विजयी प्रत्याशी शंकर लाल देचा को 75175 वोट मिले। कांग्रेस का यहाँ पर तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। 

बागीदौरा (बांसवाड़ा) - इस सीट पर भी बाप के प्रत्याशी जयकृष्ण पटेल को 60387 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी महेंद्र जीत सिंह मालवीय को 101742 वोट मिले जबकि बीजेपी को यहाँ पर तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। 

घाटोल (बांसवाड़ा) - इस सीट पर बाप के प्रत्याशी अशोक कुमार निनामा को 84644 वोट मिले जबकि विजयी प्रत्याशी कांगेस के नानालाल निनामा को 88335 वोट मिले यहाँ जीता का अंतर केवल 3691 रहा जबकि भाजपा को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 

इस स्थानों पर बिगड़ी कांग्रेस भाजपा की गणित 

झाड़ोल (उदयपुर) - इस विधानसभा सीट पर भाजपा के विजयी प्रत्याशी बाबूलाल खराड़ी को 76537 वोट मिले, कांग्रेस के हीरालाल दरांगी को 70049 वोट मिले जबकि बाप के दिनेश पंडोर ने 44503 वोट लेकर कांग्रेस की गणित बिगाड़ दी।  इस सीट पर जीत का अंतर् 6488 है। दिलचस्प तथ्य यह है की नोटा में भी 6488 मत पड़े। 

उदयपुर ग्रामीण - इस विधानसभा सीट पर बाप के अमित खराड़ी ने 25172 वोट लेकर कांगेस को मुश्किल में डाल दिया। बीजेपी के विजयी प्रत्याशी फूल सिंह मीणा को 103079 वोट मिले जबकि कांग्रेस के विवेक कटारा को 75694 वोट मिले जबकि जीत का फर्क 27385 रहा।  वहीँ इस सीट पर नोटा में भी 2703 वोट मिले। 

सलूंबर - इस विधानसभा सीट पर भी बाप के प्रत्याशी जितेश कुमार मीणा ने 51691 वोट हासिल कर लिए जबकि भाजपा के अमृतलाल मीणा को 80086 और कांग्रेस के रघुवीर मीणा को 65395 मिले यानि जीत का अंतर 14691 था। इस सीट कांग्रेस के रघुवीर मीणा को बाप ने ज़ोर का झटका दिया। 

गढ़ी (बांसवाड़ा) - इस विधासभा सीट पर बाप के प्रत्याशी मणिलाल गरासिया ने 43525 वोट हासिल किये। जबकि बीजेपी के कैलाश मीणा को 87392 वोट मिले वहीँ कांग्रेस के शंकर लाल चरपोटा को 72285 वोट मिले। जीत का अंतर यहाँ भी 15107 रहा। यानि यहाँ बाप ने कांगेस को झटका दिया। 

प्रतापगढ़- इस विधानसभा सीट पर बाप के मांगीलाल मीणा ने 62023 वोट प्राप्त किये जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी रामलाल मीणा को 62535 वोट मिले जबकि बीजेपी के विजयी प्रत्याशी हेमंत मीणा को 87644 मिले। जबकि जीत का अंतर 25109 रहा।  यहाँ पर भी बाप ने कांग्रेस को रुलाया। 

बड़ी सादड़ी (चित्तौड़गढ़) - इस विधानसभा सीट पर बाप के प्रत्याशी फौजीलाल ने 11833 वोट हासिल किये।  जबकि बीजेपी के विजयी प्रत्याशी गौतम दक को 103940 वोट मिले और कांग्रेस के बद्री जाट को 92108 वोट मिले यहाँ जीत का अंतर 11832 है जो बाप के फौजीलाल से 1 वोट कम है। बाप ने यहाँ कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। 
  
कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) - इस विधानसभा सीट पर बाप के प्रत्याशी राजेंद्र ने 33758 वोट प्राप्त किये जबकि विजयी प्रत्याशी कांग्रेस की रमिला खड़िया को 97840 वोट मिले और भाजपा के भीमा भाई डामोर को 87976 वोट मिले। यहाँ जीत का अंतर 9864 रहा। यहाँ पर बाप ने बीजेपी को झटका दिया। 

पिंडवाड़ा आबू (सिरोही) इस विधानसभा सीट पर बाप के प्रत्याशी मेघाराम गरासिया को 23894 वोट मिले जबकि बीजेपी के विजयी प्रत्याशी समाराम गरासिया को 70647 वोट मिले वहीँ कांगेस के लीलाराम गरासिया को 57553 वोट मिले।  जीत का अंतर 13094 रहा। यहाँ पर भी बाप ने कांग्रेस की लुटिया डुबोई। 

खेरवाड़ा (उदयपुर) - इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के डॉ दयाराम परमार को 17244 वोट से जीत मिली। कांग्रेस को यहाँ 77242 वोट मिले जबकि भाजपा के नानालाल अहारी को 60898 वोट मिले। जबकि बाप के प्रत्याशी विनोद कुमार मीणा को 16189 वोट मिले वहीँ भारत ट्राइबल पार्टी (BTP) के प्रवीण कुमार परमार को 53290 वोट मिले।  यहाँ पर बाप और बीटीपी ने बीजेपी को झटका दिया। 

मावली (उदयपुर) - इस सीट पर पर बाप के प्रत्याशी अंगूरलाल भील को 16189 वोट मिले जबकि कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी पुष्करलाल डांगी को 77342 वोट मिले वहीँ भाजपा के के. जी. पालीवाल को 76129 वोट मिले।  हालाँकि यहाँ बीजेपी के बागी और आरएलपी (RLP) के कुलदीप सिंह चुण्डावत को भी 32521 वोट मिले जो की भाजपा की हार का मुख्य कारण रहा। 

इसके अतिरिक्त राजसमंद की कुम्भलगढ़ सीट पर बाप के प्रत्याशी 8813 वोट लेकर राजसमंद ज़िले में अपनी दस्तक दी।  हालाँकि यहाँ हार जीत का अंतर में बाप के प्रत्याशी का कोई योगदान नहीं है। 

आने वाले समय में दक्षिणी राजस्थान और उससे लगते गुजरात एमपी के आदिवासी इलाके की बड़ी ताकत बन सकती है बाप 

आदिवासी बाहुल्य दक्षिणी राजस्थान में थोक के भाव में वोट हासिल करने वाली बाप पार्टी (BAP) आगामी समय में बड़ी राजनैतिक ताकत बन सकती है। बाप ने यहाँ किसी अपना कैडर विकसित किया है और अपनी भीलिस्तान या भील प्रदेश की विचारधारा से क्षेत्र के युवाओ में पैठ बनाई है। गौरतलब है की बाप ने किसी भी बीजेपी कांग्रेस के नाराज़ या बागी नेता को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। 

अपनी अलग विचारधारा और आदिवासी मुद्दों को उनके बीच रहकर समझ का चुनाव में उतरने वाली बाप यकीनन आने वाले समय इस क्षेत्र की बड़ी पार्टी बन सकती है, न सिर्फ दक्षिणी राजस्थान बल्कि गुजरात और मध्यप्रदेश सीमा से लगे आदिवासी इलाको में भी बाप का प्रभाव पड़ने वाला है।  राजस्थान सीमा से लगे मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले की सैलाना सीट जीत कर बाप ने सबको चौंकाया है। 

राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के आदिवासी इलाको में बाप के बढ़ते प्रभाव और सोशल मीडिया के ज़रिये अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाकर इस क्षेत्र में बाप एक बड़ी ताकत बनकर उभर सकती है जिसका खामियाज़ा कांग्रेस को अधिक चुकाना पड़ेगा। क्यूंकि बरसो से यह आदिवासी क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ रहे है। 
        

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