Bhilwara: प्रशासन एवं शिक्षा विभाग ने ज़िले में समस्त विद्यालयों का सर्वे किया पूर्ण
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News-प्रशासन एवं शिक्षा विभाग ने ज़िले में समस्त विद्यालयों का सर्वे किया पूर्ण
22543 कक्षा कक्षों का किया निरीक्षण, 3210 जर्जर पाये जाने पर किए गए सील
भीलवाड़ा कलेक्टर जसमीत सिंह संधू के निर्देशन में उपखंड, जिला स्तरीय अधिकारियों, शिक्षा विभाग एवं प्रशासन द्वारा जिले के समस्त विद्यालयों का सुरक्षा सर्वेक्षण अभियान पूर्ण कर लिया गया है। इस व्यापक सर्वे के तहत जिले के लगभग 2900 विद्यालयों का सुरक्षा ऑडिट कराया गया। निरीक्षण के दौरान 22543 कक्षा कक्षों का मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 3210 कक्षा कक्षों को अत्यधिक जर्जर स्थिति में पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से सील कर बंद कर दिया गया है। इन जर्जर कक्षों को आगामी रिपोर्टिंग के आधार पर ध्वस्त करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
जिला कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वे के दौरान लगभग 7400 कक्षा कक्ष मरम्मत योग्य पाए गए हैं, जिनके लिए मानकों के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है, ताकि उनकी मरम्मत समयबद्ध रूप से करवाई जा सके।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों की पूर्ण पालना में यह कार्रवाई की गई है और अब सुरक्षा मानकों की पुष्टि के बाद शुक्रवार से जिले के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालय पुनः विधिवत रूप से संचालित किए जाएंगे।
जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि वे भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और यदि किसी विद्यालय अथवा कक्षा कक्ष से जुड़ी कोई सूचना हो तो उसे तुरंत प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करें। ऐसी सूचना पर शिक्षा अधिकारियों द्वारा फील्ड विजिट के माध्यम से जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाए जा रहे असत्य या अपुष्ट समाचारों पर विश्वास न करें, प्रशासन द्वारा समस्त व्यवस्थाएं पूर्णतः वैकल्पिक एवं सुरक्षित आधार पर सुनिश्चित की गई हैं।
News-टीबी मुक्त भारत अभियान के प्रति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता
भीलवाड़ा, 01 अगस्त। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत निक्षय पोषण किट वितरण योजना के तहत जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधु ने स्वयं निक्षय मित्र बनकर टीबी उपचाररत रोगी को निक्षय पोषण किट वितरित किया ।
जिला कलेक्टर ने स्वयं निक्षय मित्र बनकर जिले के राजकीय कार्मिकों को भी टीबी मरीजों का निश्चय मित्र बनकर निशुल्क टीबी पोषण किट वितरित करने हेतु प्रोत्साहित किया जिससे कि भीलवाड़ा जिला टीबी मुक्त हो सके। इस अवसर पर जिला कलेक्टर संधु ने रोगी को पोषित आहार लेने और टीबी की दवाएं पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन टीबी मुक्त भारत अभियान के प्रति प्रतिबद्ध है और इस अभियान के तहत जिले में टीबी रोगियों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी ने टीबी रोगी को समय-समय पर अपनी जांच कराने और पोषित आहार लेने के लिए आग्रह किया।
सीएमएचओ ने बताया कि जिले में आज तक कुल 1952 निक्षय मित्र रजिस्टर्ड कर दिए गए हैं और कुल 3140 निक्षय पोषण किट वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर को आश्वस्त किया कि इस अभियान के अंतर्गत शत प्रतिशत टीबी रोगियों को निक्षय मित्र से जोड़कर सतत रूप से प्रगति की जाएगी।
News-विद्यालय भवनों और आंगनबाड़ी केंद्रों की जमीनी स्थिति की समीक्षा, सुरक्षित शिक्षण वातावरण के लिए ठोस निर्देश
भीलवाड़ा, 01 अगस्त। जिले में संचालित शैक्षणिक एवं बाल विकास संस्थानों की भौतिक स्थिति को लेकर जिला प्रशासन सजग और गंभीर है। इसी क्रम में जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले के राजकीय विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों की भौतिक स्थिति का व्यापक मूल्यांकन किया गया।
बैठक में कलेक्टर संधू के निर्देशानुसार गठित निरीक्षण दलों द्वारा हाल ही में किए गए विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। निरीक्षण में कई विद्यालय भवनों और आंगनबाड़ी कक्षों के जर्जर, क्षतिग्रस्त और असुरक्षित स्थिति में पाए जाने की जानकारी सामने आई। निरीक्षण दलों ने कक्षा कक्षों की मरम्मत योग्य अवस्था, उपयोग में लिए जा रहे कक्षा कक्षों एवं आधारभूत सुविधाओं की कमी की विस्तार से जानकारी दी।
इस पर जिला कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जर्जर कक्षा कक्षों का तत्काल प्रभाव से उपयोग बंद किया जाए और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए वैकल्पिक स्थानों की व्यवस्था की जाए तथा आवश्यकता अनुसार शिफ्टवाइज कक्षाएं संचालित की जाएं।
निर्माण से जुड़े मामलों पर उन्होंने कहा कि नई कक्षाओं के निर्माण के दौरान जल निकासी की समुचित व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए, जिससे वर्षा या अन्य कारणों से भवनों को क्षति न पहुंचे। साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत हेतु प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भिजवाने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान कलेक्टर संधू ने शहरी क्षेत्र की पुरानी, क्षतिग्रस्त और जर्जर इमारतों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने नगर विकास न्यास, नगर निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं अन्य संबद्ध विभागों को निर्देशित किया कि शहर में स्थित जर्जर भवनों का चिन्हीकरण कर समयबद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी इमारतें न केवल आमजन की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि शहरी सौंदर्य और व्यवस्थाओं को भी प्रभावित करती हैं। अतः इन भवनों की सूची तैयार कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
बैठक में संपर्क पोर्टल पर दर्ज जन शिकायतों की भी समीक्षा की गई। जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिकायतों का समयबद्ध, पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई तंत्र की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी रहें और प्रत्येक प्रकरण की सतत मॉनिटरिंग की जाए।
कलेक्टर संधू ने अंत में कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि बच्चों को एक सुरक्षित, संरचित और संसाधनयुक्त शिक्षण वातावरण प्रदान किया जाए। इसके लिए भवनों की मरम्मत, नई कक्षाओं का निर्माण, आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता और शहरी सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन ओमप्रकाश मेहरा, जिला परिषद सीईओ चंद्रभान सिंह भाटी, नगर विकास न्यास ओएसडी चिमनलाल मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अरूणा गारू, सीएमएचओ सीपी गोस्वामी महिला एवं बाल विकास विभाग से राजकुमारी खोरवाल सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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