भीलवाड़ा - 10 अक्टूबर 2023 की प्रमुख खबरे


भीलवाड़ा  - 10 अक्टूबर 2023 की प्रमुख खबरे 

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News from Bhillwara 31 August, Latest News from Bhilwara

News-आदर्श आचार संहिता के दौरान ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ जारी किये निर्देश

जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) श्री आशीष मोदी ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को आगामी विधानसभा आम चुनाव 2023 के निर्वाचन संबंधी कार्यक्रमों की जानकारी दी। 

जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मोदी ने बैठक के दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम की सूचना दी। उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर सोमवार को निर्वाचन की अधिसूचना जारी की जाएगी तथा 6 नवंबर 2023 तक प्रातः 11ः00 बजे से अपराह्न 3 बजे तक नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किए जाएंगे। 7 नवंबर को प्रातः 11 बजे से नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी तथा 9 नवंबर 2023 तक अपराह्न 3 बजे तक अभ्यर्थी नाम निर्देशन पत्र वापसी की सूचना प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को मतदान किया जाएगा तथा 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बहुउद्देशीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना कमरा नंबर 62, जिला कलक्टर कार्यालय में की गई है, जिसके दूरभाष नंबर 01482-220093 व टोल फ्री नंबर 1950 है। 

उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री ब्रह्मलाल जाट ने निर्वाचन की घोषणा के साथ ही जिले में प्रभावी आदर्श आचार संहिता की जानकारी दी। उन्होंने आदर्श आचार संहिता के दौरान किए जाने तथा नही किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। 

आदर्श आचार संहिता के दौरान किये जा सकने वाले कार्य निम्न हैं

  • चालू कार्यक्रम जो चुनाव घोषणा से पूर्व फील्ड में वास्तव में शुरू हो चुके है, चालू रह सकते हैं। 
  • बाढ़, सूखा, महामारी एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्र के लोगों की सहायता एवं पुनर्वास से संबंधित कार्य प्रारम्भ किये जा सकते हैं/चालू रह सकते हैं। 
  • गम्भीर बीमार व्यक्तियों/ मरणासन्न व्यक्तियों को कैश या चिकित्सीय सुविधा का अनुदान उचित अनुमोदन के साथ निरन्तर जारी रह सकता है। 
  • चुनावी सभाएं करने के लिए सभी पार्टियों/निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को सार्वजनिक स्थान/मैदान/निष्पक्ष रूप से उपलब्ध कराने होगें। 
  • प्रस्तावित मीटिंग्स के समय एवं स्थल की पूर्ण सूचना स्थानीय पुलिस को देनी होगी। यदि किसी स्थान पर मीटिंग के लिए प्रतिषेध/रोक के आदेश हैं, तो उसका आदर करना चाहिए। 
  • प्रस्तावित मीटिंग के लिए लाउडस्पीकर इसी प्रकार की अन्य सुविधा के लिए पुलिस/सक्षम ऑथोरिटी से अनुमति प्राप्त करनी होगी। 
  • जुलुस के प्रारम्भ होने का समय व स्थान तथा रूट का अनुसरण किया जाना चाहिए तथा जहां जुलुस समाप्त होगा, उस समय स्थान आदि की पुलिस/ सक्षम ऑथोरिटी से अग्रिम रूप से तय कर अनुमति लेनी होगी। 
  • आधिकारिक पहचान स्लिप जो मतदाताओं को दी जाती है, सामान्य सफेद पेपर पर होगी, उनमें पार्टी का या उम्मीदवार का नाम, कोई प्रतीक चिन्ह आदि का विवरण अंकित नहीं होगा। 
  • अभियान अवधि तथा मतदान दिवस को उम्मीदवारों/राजनैतिक दलों आदि के द्वारा वाहन संचालन पर रोक की पूर्ण पालना की जानी चाहिए। 

आदर्श आचार संहिता के दौरान नही किये जा सकने वाले कार्य निम्न हैं

  • सत्ताधारी दल/सरकार से संबंधित उपलब्धियों का कोई तथा सभी विज्ञापन सरकारी खर्चे पर प्रतिबंधित हैं। 
  • कोई भी मंत्री मतदान केन्द या गणना स्थल पर प्रवेश नहीं करेगें यदि वे उम्मीदवार या मतदान के लिए मतदाता नहीं हो तो। 
  • राजकीय कार्य को अभियान/चुनावी कार्य से सम्मिलित नहीं करना चाहिए। मतदाता को वित्तीय या अन्य किसी प्रकार का प्रलोभन नहीं दिया जाना चाहिए।
  • मूलवंश/जाति/सम्प्रदाय/धार्मिक/भाषायी भावनाओं के आधार पर मतदाताओं को अपील नहीं की जायेगी (धारा 125. आ.पी. एक्ट 1951) विभिन्न जातियों, संप्रदायों या धार्मिक या भाषायी समूहों के बीच आपसी घृणा/द्वेष/भेद को बढ़ाने या खींचतान कारित करने वाली गतिविधियां नहीं की जायेगी। 
  • दूसरी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से भिन्न उनके निजी जीवन के पहलुओं की आलोचना करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
  • कार्यवाहियां जो कानून के अनुसार भ्रष्ट आचरण या निर्वाचन अपराध की है (जैसे रिश्वत, असम्यक असर, अवैध मीटिंग आदि) प्रतिबंधित है। 
  • किसी के मत विचार या कार्यवाहियों के विरूद्ध विरोध प्रदर्शित करने हेतु किसी के निजी आवास के सामने प्रदर्शन/हडताल या धरना नहीं किया जायेगा।
  • दूसरी पार्टी या उनके कार्यकत्ताओं की अप्रमाणित आरोपों या तोड़ मरोड़ कर बनाये गये तथ्यों के आधार पर आलोचना नहीं की जायेगी। 
  • चुनाव अभियान के समय मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थल को चुनाव प्रसार, भाषण, पोस्टर, संगीत आदि के लिए काम में नहीं लिया जायेगा। 
  • स्थानीय कानून के अध्यधीन कोई भी किसी की निजी भूमि भवन चार दिवारी, वाहन आदि को झण्डे लगाने, बैनर बांधने, नोटिस चिपकाने या नारा लेखन हेतु उसकी विशिष्ट एवं लिखित अनुमति के बिना काम में नहीं लेगा। 
  • दूसरी राजनैतिक पार्टियों/उम्मीदवारों द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं या जुलुसों में कोई बाधा नहीं पहुचाई जायेगी। (धारा 127, आर.पी. एक्ट-1951) जिस स्थान पर दूसरी पार्टी की मीटिंग रखी हुई है, उस स्थान से जुलुस नहीं निकाला जायेगा। जुलुस निकालने वाले व्यक्ति ऐसी कोई वस्तु लेकर नहीं चलेंगे जिनका हथियार/मिसाइल के रूप में प्रयोग हो सके। 
  • दूसरी पार्टीज या उम्मीदवारों द्वारा लगाये गये पोस्टर्स को गंदा नहीं किया जायेगा या हटाया नहीं जायेगा। 
  • मतदान के दिन मतदाता स्लिप वितरण करने वाले स्थल या पोलिंग स्टेशन के 200 मीटर की परिधि में पोस्टर, फ्लेक्स्, प्रतीक चिन्ह या टैण्ट/शामियाना तथा अन्य प्रचार सामग्री लगाई/प्रदर्शित नहीं की जायेगी । 
  • संबंधित सक्षम अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना तथा प्रातः 6 बजे से पूर्व एवं रात्रि 10 बजे बाद लाउडस्पीकर का प्रयोग, चाहे स्थिर हो या वाहन पर लगा हुआ हो, नहीं किया जायेगा। 
  • जिस व्यक्ति के सुरक्षा धमकी देने पर आधिकारिक सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है या जिसका निजी सुरक्षा गार्ड है, को निर्वाचन एजेन्ट/मतदान/गणना एजेन्ट के रूप में नियुक्त नहीं किया जायेगा।
  • निर्वाचन के दौरान शराब या किसी प्रकार की रिश्वत का वितरण प्रतिबंधित है। 
  • मतदान दिवस को कोई भी व्यक्ति जिसे सिक्युरिटी धमकी दी गई है जिस कारण उसे आधिकारिक सुरक्षा दी गई है, वह अपने सुरक्षा कार्मिक के साथ मतदान केन्द्र के समीप परिसर में (100 मीटर के भीतर) प्रवेश नहीं करेगा।
  • राजकीय सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति यदि एक मतदाता है, तो वह सुरक्षा कार्मिक के बिना मतदान कक्ष में वोट डालने हेतु जायेगा।

News-रामद्वारा धाम में चातुर्मासिक सत्संग प्रवचनमाला 

भीलवाड़ा, 10 अक्टूबर। श्राद्ध का अर्थ ही पितरों की शांति का उपाय करना है। श्राद्ध कर्म उन्हें शांति प्रदान करने के लिए ही किया जाता है। इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि गया में पिंडदान कर दिया तो इसके बाद श्राद्ध व्यवस्था का विधान नहीं है। शास्त्रों की मान्यता है कि पिंडदान के बाद भी श्राद्ध कर्म जारी रखना चाहिए। ये विचार अन्तरराष्ट्रीय श्री रामस्नेही सम्प्रदाय शाहपुरा के अधीन शहर के माणिक्यनगर स्थित रामद्वारा धाम में वरिष्ठ संत डॉ. पंडित रामस्वरूपजी शास्त्री (सोजत सिटी वाले) ने मंगलवार को चातुर्मासिक सत्संग प्रवचनमाला के तहत व्यक्त किए। 

उन्होंने गर्ग संहिता के माध्यम से चर्चा करते हुए कहा कि श्रीराम सीताजी के साथ गयाजी में पिता राजा दशरथ का श्राद्ध करने गए थे। सीता द्वारा नदी किनारे बनाया गया रेती का पिंड गायब होने पर वह मानसिक पूजा से ही पूजा समाप्त कर नियत स्थान पर चली गई। इसके बाद श्रीराम पिंड बनाकर तर्पण करने लगे तो वह सीताजी के पिंड की तरह स्वीकार नहीं हुआ तो राम सोचने लगे कि क्या कमी रह गई। इतने में आवाज आई कि मैं दशरथ बोल रहा हूं मुझे तो पिंड सीता ने अर्पण कर दिया पर फिर भी तुम श्राद्ध कर्म कर लोक कल्याण के लिए पितरों का श्राद्ध करने रहना। 

शास्त्रीजी ने कहा कि जिसकी जो तिथि आती है उसी तिथि को उसका श्राद्ध किया जाना चाहिए क्योंकि हो सकता वह आगे पुनः पंचतत्वों के शरीर में पुर्नजन्म ले चुका हो। श्राद्ध कर्म से ही उन्हें शांति मिलेगी। ऐसे में पूरे श्रद्धाभाव के साथ पितरों का श्राद्ध कर्म करना चाहिए। सत्संग के दौरान मंच पर रामस्नेही संत श्री बोलतारामजी एवं संत चेतरामजी का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन भक्ति से ओतप्रोत विभिन्न आयोजन हो रहे है। 

भीलवाड़ा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु सत्संग-प्रवचन श्रवण के लिए पहुंच रहे है। प्रतिदिन सुबह 9 से 10.15 बजे तक संतो के प्रवचन व राम नाम उच्चारण हो रहा है। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रातः 5 से 6.15 बजे तक राम ध्वनि, सुबह 8 से 9 बजे तक वाणीजी पाठ, शाम को सूर्यास्त के समय संध्या आरती का आयोजन हो रहा है।

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