News-मेजा बांध जल वितरण कमेटी की बैठक का हुआ आयोजन, 11 नवंबर से नहरों में सिंचाई का पानी छोड़ने का लिया निर्णय
भीलवाड़ा, 06 नवंबर। एडीएम प्रशासन ओमप्रकाश मेहरा की अध्यक्षता में बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जल संसाधन विभाग अंतर्गत मेजा बांध की जल वितरण समिति की बैठक आयोजित हुई। एडीएम ने बांध की दाई तथा बाई मुख्य नहर में काश्तकारों की मांग पर नहर में आ रहे अवरोध तथा लीकेज चेक करने के निर्देश दिए।किसानों ने नहरों की सफाई व मरम्मत की मांग उठाई। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को नहरों की शीघ्र सफाई करवाने को निर्देशित किया। इसके बाद 11 नवंबर को नहरों में सिंचाई का पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग के लिए प्रशासन की ओर से अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे ताकि काश्तकारों को बिना किसी अवरोध के नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके। बैठक में काश्तकारों ने व्यर्थ बहते पानी की रोकथाम के लिए नहर की मरम्मत कर उसे रोकने की मांग की गई। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधि या किसानों की उपस्थिति में नहर की लीकेज या अवरोध को दूर करते हुए मरम्मत, सफाई कार्य करने के निर्देश दिए। जल संसाधन विभाग के एक्सईन सीएल कोली ने मेजा वृहद सिंचाई परियोजना के तहत जल वितरण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र 2024-25 में अच्छी बारिश होने के फलस्वरूप मेजा बांध की कुल भराव क्षमता 30 फिट के विरुद्ध 26.30 (2018.99 एमसीएफटी) पानी की आवक होने से रबी की फसल हेतु मेजा बांध के कमाण्ड क्षेत्र की नहरों में जल प्रवाह करने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई है।
उन्होंने वर्तमान में मेजा बांध में कुल उपलब्ध पानी के अनुरूप नहरों में जल संचालन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल उपलब्ध पानी 2018.99 एमसीएफटी (26.30 फिट) में से जन स्वा. एव अभि. विभाग द्वारा आरक्षित जल 200 एमसीएफटी, बांध के लिए आरक्षित पानी 109 एमसीएफटी तथा 20 प्रतिशत छिजत में 341.99 एमसीएफटी व सिंचाई के लिए उपलब्ध कुल पानी 1367.99 एमसीएफटी का नहरों में जल संचालन किया जाना प्रस्तावित है। प्रतिदिन 16 एमसीएफटी पानी दो नहरों दांई मुख्य नहर व बांई मुख्य नहर में प्रवाहित किया जाना प्रस्तावित है। नहर संचालन के लिए कुल दिनों की संख्या 1367.99/16= 85 दिवस प्राप्त होती है।
बाई मुख्य नहर से - 11 नवंबर से 21 दिसंबर 2024 तक (40 दिवस), तथा 5 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक(40दिवस), दाई मुख्य नहर से - 13 नवंबर से 22 दिसंबर 2024 तक(40दिवस), तथा 7 जनवरी से 17 फरवरी 2025 तक(40दिवस) सप्लाई की जाएगी । इस दौरान उपखंड अधिकारी मांडल, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता सोजी सिंह प्रतिहार, कृषि विभाग, पीएचईडी के अधिकारी, मेजा एईएन हेमराज मीणा, जूनियर इंजीनियर धीरज कुमार समेत विभाग के अन्य अधिकारी, किसान तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।
News-पशुपालन, डेयरी, गोपालन एंव देवस्थान विभाग मंत्री जोराराम कुमावत ने ली जिलास्तरीय अधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक
भीलवाड़ा, 6 नवंबर। पशुपालन, डेयरी गोपालन एंव देवस्थान विभाग मंत्री जोराराम कुमावत ने भीलवाडा प्रवास पर सर्किट हाउस में पशुपालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षात्मक मीटिंग ली।
कुमावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए की जिले में संचालित मोबाईल वेटरनरी यूनिट के लिए कॉल सेंटर के नंबर “1962“ का प्रचार प्रसार प्रभावी होना चाहिए और मोबाईल वेटरनरी यूनिट की सुविधाएं, दूरस्थ गांवों के पशुपालकों को मिलनी चाहिए, जहां विभागीय संस्थाएं नहीं हैं या फिर पशुचिकित्सक या पशुधन सहायक के रिक्त पद हैं।
कार्यवाहक संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग डा. दिनेश खोईवाल ने मोबाईल वेटेरोनेरी यूनिट का उपयोग को लेकर आश्वस्त किया और कहा कि जहा कोई समस्या है, वहां मोनीटरिंग करके सुधार किया जाएगा। समस्त ग्राम पंचायतों मे फ्लेक्स लगा कर या दीवार लेखन से बीमार पशुओं का मुफ़्त मे इलाज, काल करे 1962 पर स्लोगन लिखवाकर पशुपालकों तक मोबाईल वेटेरीनेरी यूनिट की सुविधाओं के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही पशु आश्रय स्थल और नंदी शाला की निविदा संबंधी समस्त प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण कर ली जायेगी। बैठक में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी गजेन्द्र सिंह चारण, और कृष्ण गोपाल शर्मा भी उपस्थित रहे।
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