1. जिले में पाइपलाइन कनेक्शन द्वारा जल का अवैध रूप से उपभोग करने पर जलदाय विभाग करेगा कार्रवाई
अवैध कनेक्शन हटाने व एफआईआर की करी जाएगी कार्यवाही
भीलवाड़ा , 19 अप्रैल | जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने अवैध नल कनेक्शन के विरुद्ध जांच व कार्रवाई के लिए जलदाय विभाग को निर्देशित किया।
इसी संदर्भ में जिले के समस्त निवासियों से जलदाय विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई।
जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री धनपत राज सोनी ने कहा कि जलदाय विभाग की पाईपलाईनों में यदि अवैध कनेक्शन कर रखा है तो आमजन द्वारा स्वयं के स्तर पर अवैध जल संबंध विच्छेद कर लेवें अथवा नियमानुसार विभाग में पनेल्टी सहित आवश्यक राशि जमा करवा कर कनेक्शन का नियमितकरण करवा लेवें।
जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियन्ता ने बताया कि यदि किसी के द्वारा नियमों के अनुसार कार्रवाई नहीं की जाती हैं तो विभाग द्वारा अवैध जल संबंध विच्छेद कर नियमानुसार (एफ आई आर ) कार्यवाही की जायेगी जिसके लिए अवैध जल संबंध धारक ही जिम्मेदार रहेगा। उन्होंने बताया की जल संबंधों के पेटे विभाग की बकाया राशि शीघ्र विभाग मे जमा करवानी होगी अन्यथा जल संबंध विभाग द्वारा विच्छेद कर दिया जायेगा।
बिना बकाया राशि जमा कराये अवैध जल संबंध मानते हुवें कार्यवाही की जायेगी
उन्होंने बताया कि जल वितरण के समय यदि पाइपलाईन पर अवैध बूस्टर लगाकर पानी खिचंना पाया जाता है तो विभाग द्वारा बूस्टर जब्त करते हुवें ज लगाया जायेगा तथा दुबारा बूस्टर लगाने पर जल संबंध भी विच्छेद किया जा सकता हैं।
2. ज़िला कलक्टर के निर्देश पर भीषण गर्मी से मरीजों को मिली राहत
बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन के साथ व्यवस्थाओं में बदलाव से मरीजों को राहत
भीलवाड़ा, 19 अप्रैल। महात्मा गांधी चिकित्सालय में भीषण गर्मी को देखते हुए मरीजों और उनके परिजनों को राहत पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि ज़िला कलक्टर जसमीत सिंह संधू के निर्देशानुसार गर्मी के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए अस्पताल के कामकाज और सुविधाओं में विशेष परिवर्तन किए गए हैं। रक्त जांच के समय में बदलाव, लू के मरीजों के लिए 24 घंटे सुविधा अब अस्पताल के आउटडोर में रक्त की जांच के लिए नमूने सुबह 8 बजे से दोपहर 12 के बजाय 2 बजे तक लिए जाएंगे।
मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, इसके बाद भी यदि कोई जांच करवाना चाहता है तो दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक अस्पताल की लेबोरेटरी में एक घंटे की विशेष सुविधा उपलब्ध रहेगी, जहां वे अपना सैंपल दे सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, भीषण गर्मी में आने वाले लू और तापघात (हीटस्ट्रोक) के मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है। ऐसे मरीजों के लिए सीबीसी (CBC), मलेरिया और डेंगू की जांच की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी, ताकि उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके।
आउटडोर में आने वाले मरीजों के लिए एक्सरे की सुविधा भी पूरे आउटडोर समय तक जारी रहेगी, जिससे उन्हें इस महत्वपूर्ण जांच के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। *वार्डों में कूलर और पंखों की व्यवस्था,लापरवाही पर होगी कार्रवाई* अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
प्रत्येक वार्ड में पंखे और कूलर की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी वार्ड प्रभारी को सौंपी गई है।
डॉक्टर गौड़ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वार्ड प्रभारियों को शाम को भी अस्पताल में मॉनिटरिंग करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी मरीज को गर्मी के कारण परेशानी न हो। यदि किसी वार्ड में गर्मी से मरीज को परेशानी होती है, तो संबंधित वार्ड प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मातृ एवं शिशु इकाई में विशेष कूलर, अन्य वार्डों में अतिरिक्त पंखे अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई में स्थित हरिशेवा छाया में मरीजों के तीमारदारों के लिए दो बड़े कूलर लगाए जाएंगे, जिससे उन्हें गर्मी में राहत मिल सके।
इसके अलावा, अस्पताल प्रशासन ने मेल मेडिकल वार्ड, फीमेल मेडिकल वार्ड, मेटरनिटी वार्ड सहित अन्य बड़े वार्डों में स्पेशल बड़े पंखे और टेबल फैन उपलब्ध करवाए हैं, ताकि मरीजों को आरामदायक वातावरण मिल सके। अस्पताल के गलियारों में भी पंखे लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। लू के मरीजों के लिए वातानुकूलित वार्ड आरक्षित* गर्मियों में लू और तापघात के मरीजों की संभावित वृद्धि को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने 30 बेड का एक वातानुकूलित (AC) वार्ड आरक्षित कर लिया है।
इस विशेष वार्ड में ऐसे मरीजों को भर्ती कर उन्हें तत्काल और प्रभावी उपचार प्रदान किया जा सकेगा। विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध भीषण गर्मी में बिजली की खपत बढ़ने और तकनीकी खराबी की संभावना को देखते हुए अस्पताल में विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।
इसके तहत ट्रांसफार्मर और डिजिटल जनरेटर की एएमसी (Annual Maintenance Contract) और सीएमसी (Comprehensive Maintenance Contract) करने का कार्य किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी खामी के कारण अस्पताल में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो और मरीजों की देखभाल में कोई बाधा न आए। अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि इन सभी व्यवस्थाओं का उद्देश्य भीषण गर्मी में मरीजों और उनके परिजनों को हर संभव राहत पहुंचाना है और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने सभी वार्ड प्रभारियों और कर्मचारियों को इन व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और मरीजों की सुविधा का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
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