उदयपुर 6 मई 2022 । अपनी झीलों के लिए विश्व विश्रुत लेकसिटी अब देशी विदेशी परिंदों के लिए भी जानी पहचानी जाएगी। शहर के गुलाबबाग में राजस्थान का पहला बर्ड पार्क शुभारंभ के लिए तैयार हो चुका है और आगामी दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों यह सौगात दी जाएगी। अब गुलाबबाग आने वाले सैलानी सघन हरीतिमा के मध्य कई प्रजातियों के रंग बिरंगे परिंदों की चहचहाहट को समीप से देखने सुनने का लुत्फ़ उठा सकेंगे।
बर्ड पार्क के प्रभारी एवं उप वन संरक्षक (वन्यजीव) डॉ. अजीत ऊंचोई ने बताया कि बर्ड पार्क में पर्यटकों को एशियन, ऑस्ट्रेलियन, अफ्रिकन और अमरीकन परिंदों के दीदार हो सकेंगे। इसमें कुल 28 प्रजातियों के पक्षियों को रखा जाएगा। इसमें मकाऊ, काकाटू, सन कोंनुअर, सेनेगल पैरेट, बैरा बैंड पैराकीट, रोक पेब्लर, किम्सन बिग, पिंक कुर्क, सेनेगल फायर फिंच, रेड चिकड़ कार्डन ब्लू, ब्लेक रम्पड वैक्स बिल, कैलिफोर्निया क्वेल, नार्थन बॉब व्हाईट, चाइनीज क्वेल, ग्रीन मुनिया आदि की अटखेलियाँ पर्यटक करीब से देख सकेंगे। इसी प्रकार रोज रिंग पैराकीट, एलम्जैडिया पेरेट, प्लम हैडेड पैराकीट, मोर, बज्रीघर, लव बर्ड, कोकाटेल, रोज़ी पेलिकन, कॉम्ब डक, ग्रैलेग गूज, अमेरिकन पकिन, सिल्वर फिजेंट व एमू शामिल हैं।
डॉ. अजीत ऊंचोई ने बताया कि बर्ड पार्क गुलाबबाग में 12 एक्जीबिट्स यानि पिंजरें बनाए गए हैं, जिनमें असोर्टेंट पैराकिट, ईमु, ग्रीन मुनिया, लेसर पैसेराइन, ओस्टरीच, बार्न आउल, मकाउ, ककाटू प्रजातियों के पक्षियों को रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम तक 5 पिंजरों में पक्षियों की शिफ्टिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है वहीं शेष पिंजरों में पक्षियों को सोमवार तक शिफ्ट कर लिया जाएगा।
डॉ. ऊंचोई ने बताया कि इसके अतिरिक्त एक होर्नबिल एन्क्लोजर, 3 गैलीफोर्म एन्क्लोजर, वल्चर एन्क्लोजर, एक्वाटिक बर्ड एन्क्लोजर का कार्य बर्ड पार्क निर्माण के द्वितीय फैज़ में बजट उपलब्ध होते ही करवा दिया जाएगा। बर्ड पार्क में पर्यटकों की सुविधा के लिए किचन, हॉस्पिटल, विजिटर पाठ, टॉयलेट, वोटर टेंक, मेग्नेट एवं टिकट काउंटर, लैंडस्केपिंग, सैनेजेज, नल फिटिंग आदि कार्य भी किये गए हैं।
करीब साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये की लागत वाले इस आकर्षक बर्ड पार्क का निर्माण पर्यटन विभाग, वन विभाग, नगर निगम व यूआईटी के द्वारा संयुक्त रूप से करवाया गया है। निर्माण कार्य आरएसआरडीसी लिमिटेड द्वारा किया गया है। करीब 5.11 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हुए गुलाबबाग के 3.85 हेक्टेयर में बर्ड पार्क का निर्माण किया गया है। इस पार्क के लिए पर्यटन विभाग ने 8 करोड़, नगर निगम ने 1.75 करोड़, यूआईटी ने 1.74 करोड़ रुपये दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि गुलाबबाग जंतुआलय की स्थापना 1878 में तत्कालीन मेवाड़ शासक महाराणा सज्जन सिंह द्वारा की गई थी। यह चिड़ियाघर भारत का छठां प्राचीन चिडियाघर था। इसे सज्जन्निवास बाग़ के नाम से स्थापित किया गया था, जिसे आज गुलाबबाग के नाम से जाना जाता है। चिड़ियाघर के सभी वन्यजीवों को वर्ष 2015 में तैयार किए गए सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था।
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