पशुओं से मनुष्य में फैलती है यह बीमारी


पशुओं से मनुष्य में फैलती है यह बीमारी

ब्रुसेलोसिस को हल्के में ना लें पशुपालक, बीमारी होने के बाद लंबे समय तक रहते हैं लक्षण

 
brucellosis disease

उदयपुर,30 दिसंबर 2023। काेराेना और लंपी के बाद अब ब्रूसीलोसिस संक्रमण लोगों को डराने लगा है। यह गाय, भैंस, बकरी सहित पालतू पशुओं से इंसानों में फैलने लगा है। ब्रुसेलोसिस जीवाणु पशुओं के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों को अधिक चपेट में लेता है। उदयपुर में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. सुरेंद्र छंगाणी ने कहा की इस संक्रमण से उदयपुर जिले में अब तक 15 से 20 चिकित्सा से जुड़े और पशुपालक चपेट में आ चुके हैं। कुछ दिन पूर्व एक पशुपालक भी इसकी चपेट में आया है। 1 अप्रैल से 30 नवंबर तक पशुपालन विभाग ने 317 डेयरियों के दूध का और 9 पशुओं का परीक्षण किया। इसमें 10 डेयरियों के दूध में यह बैक्टीरिया मिला। वहीं 2 पशुओं में यह बैक्टीरिया पाया गया। इसी प्रकार इस समय सीमा में 332 पशुओं सीरम टेस्ट किया गया। इनमें से 33 पशुओं में ब्रुसेलोसिस पाया गया।

पशुओं में पाया जाने वाला ब्रुसेलोसिस जीवाणु मनुष्यों के लिए भी खतरनाक है। इस जीवाणु की चपेट में आने वाले लोगों को लंबे उपचार के बाद राहत मिलती है। अधिकतर पशुपालक और पशु चिकित्सा से जुड़े लोग इसकी चपेट में आते हैं। इसका उपचार आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है। उपचार में सप्ताह से लेकर कई महीनों तक का समय लग सकता है। इसका संक्रमण दूबारा भी हो सकता है। यह रोग विश्व के कई देशों में होती है। संक्रमण के लक्षण संक्रमण होने के बाद इसके लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ माह बाद दिखाई दे सकते हैं।

इस बीमारी के लक्षण इस प्रकार है - इसके लक्षण फ्लू के समान होते है। इसमें बुखार, ठंड लगना, भूख में कमी, पसीना, कमजोरी, थकान जोड़ों, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, सिरदर्द आदि लक्षण दिखते हैं।

इनमें हो सकता है संक्रमण - इस बैक्टीरिया का संक्रमण कई जंगली और घरेलू जानवरों में हो सकता है। इनमें बकरी, भेड़, सूअर, जंगली सूअर, कुत्ते, हिरन, ऊंट, ब्रुसेलोसिस, गाय, भैंस आदि में भी हो सकता है।

ये समस्याएं हो सकती है - इस बैक्टीरिया की चपेट में आने से एक अंग या पूरे शरीर में जटिलताएं पैदा हो सकती है। इसमें गंभीर समस्या हृदय कक्षों की आंतरिक परत की सूजन, हृदय वाल्व को नुकसान पहुंचने पर संक्रमित की मृत्यु तक हो सकती है। जोड़ों की सूजन, दर्द, अंडकोष की सूजन और संक्रमण, यकृत की सूजन और संक्रमण सहित अन्य समस्याएं भी हो सकती है।

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