उदयपुर 1 जुलाई 2024 | राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार एवं पुलिस विभाग द्वारा संचालित उमंग-3 अभियान के तहत दिनांक 1 जून से 30 जून के मध्य पूरे राष्ट्र में विभिन्न कार्यवाही हुई एवं बच्चों को बालश्रम के दलदल से मुक्त करवाया गया। इसी के तहत उदयपुर जिले में कुल 65 बालश्रमिकों को मुक्त करवाने के साथ 26 एफ. आई. आर. किशोर न्याय अधिनियम एवं बालश्रम अधिनियम अंतर्गत दर्ज की गई।
इस अवसर पर राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार के पूर्व सदस्य एवं अभियान संयोजक डॉ. शैलेंद्र पंड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रीयंक कानूनगो के निर्देशन में जिला बाल संरक्षण इकाई, उदयपुर, मानव सरकारी विरोधी यूनिट, पुलिस विभाग, बाल कल्याण समिति, एक्सेस टू जस्टिस टीम, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 एवं गायत्री सेवा संस्थान द्वारा टीम रूप में बालश्रमिकों के चिन्हीकरण से रेस्क्यू तक की सफल कार्यवाही हुई। साथ ही मुकदमे दर्ज होने से पूरे जिले में बालश्रम न करवाने का संदेश गया है। जिन स्थानों पर बालश्रमिक नहीं मिले ऐसे नियोक्ताओं को अभियान के दौरान सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति उदयपुर की कार्यकारी अध्यक्ष यशोदा पणीया ने जानकारी देते हुए बताया की रेस्क्यू कर बच्चों को बाल कल्याण समिति के माध्यम से बाल गृह में शेल्टर करवाया गया है। जहां उनके परिवार का पता लगाने के साथ विस्तृत काउंसलिंग एवं समझाइश कर ही पुर्नवास किया जाएगा।
अभियान के दौरान रेस्क्यू के साथ बालश्रमिकों के लेकर गुजरात राज्य ले जाए जा रहे 14 बच्चे जिनमे 5 बालिकाएं थी उन्हें भी फलासिया पुलिस थाना अंतर्गत कार्यवाही कर मुक्त करवाया गया।
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