बड़ा फैसला:अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चे भी अब हिंदू परिवार में संपत्ति के हकदार


बड़ा फैसला:अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चे भी अब हिंदू परिवार में संपत्ति के हकदार

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराधिकार कानून के तहत दिया अधिकार

 
supreme court

हिंदू विवाह कानून में जिस विवाह को मान्यता नहीं मिली हो, उससे पैदा हुए बच्चे भी माता-पिता की संपत्ति के हकदार होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह अहम फैसला सुनाया। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत यह अधिकार अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी मिल गया है।

एक याचिका पर सुनवाई के बाद सीजेआइ डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसले में कहा कि अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी वैध संतान का दर्जा मिलेगा। हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 16 की उप-धारा 1 के तहत अमान्य विवाह वाले पति-पत्नी के बच्चे कानून की नजर में वैध हैं। उप- धारा 2 के तहत भी अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चे वैध है। पीठ ने कहा कि हालांकि ऐसे बच्चे माता-पिता के अलावा किसी अन्य संपत्ति के हकदार नहीं होंगे। यह फैसला सिर्फ हिंदू विवाह कानून से शासित हिंदू संयुक्त परिवार की संपत्तियों पर लागू होगा।

इस तरह के विवाह होते हैं अमान्य.....

  • लड़का, लड़की या दोनों की उम्र निर्धारित सीमा से कम हो। 
  • रिश्ता ऐसा हो, जिसमें विवाह की अनुमति नहीं दी जा सकती। 
  • विवाह कानून के अनुसार नहीं किया गया हो।
  • किसी भी पक्ष को डरा-धमकाकर या धोखे से विवाह किया गया हो।
  • लड़का या लड़की में से कोई एक पहले से विवाहित हो। 





 

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