News-सुरक्षा सखी संवाद पखवाडे के दौरान जिला पुलिस द्वारा सुरक्षा सखियों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण
चित्तौडगढ़, 18 अक्टूबर। पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार बालिका सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण पर जागरूकता के लिए संचालित किए जा रहे सुरक्षा सखी संवाद पखवाडे के दौरान पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ सुधीर जोशी के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ मुकेश सांखला के मार्गदर्शन में युनिसेफ के सहयोग से शुक्रवार को जिले के सभी पुलिस थानों पर चयनित सुरक्षा सखियों का जिला स्तरीय आमुखीकरण का आयोजन पंचायत समिति चित्तौडगढ़ स्थित सभागार में किया गया।
आमुखीकरण में पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित सुरक्षा सखियों तथा बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, बाल कल्याण समिति, तथा पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि पुलिस मुख्यालय द्वारा बालिका सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण पर जागरूकता के लिए सुरक्षा सखी संवाद पखवाडे का आयोजन किया जा रहा है। उन्होने सुरक्षा सखियों को पुलिस और आमजन के मध्य की कडी बताते हुए कहा कि कई बार पीड़ित द्वारा प्रकियाओं की जानकारी के अभाव में समस्या का सामना करना पडता है, ऐसे में सुरक्षा सखी सहयोग उपलब्ध करा सकते है। उन्होने पुलिय अधिकारियों को संबोधित करते हुए महिला एवं बालकों के मामलों में संवदेनशीलता से कार्य करने महिला हेल्प डेस्क एवं बाल हेल्प डेस्क के सुचारू संचालन के निर्देश दिए। उन्होने सुरक्षा सखियों को संबोधित करते हुए बताया कि समाज अथवा आस-पडौस में बालिकाओं से संबंधित सुरक्षा समस्याओं को खुलकर पुलिस से साझा करने के सुझाव दिए।
आमुखीकरण के दौरान युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार श्रीमती सिन्धु बिनुजीत ने सुरक्षा सखियों के गठन की आवश्यकता, उनके कार्यों तथा कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए थाना क्षेत्र में बालिका सुरक्षा एवं महिला सशक्तिकरण पर जागरूकता के प्रयासों के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध कराया। उन्होने बालकों के साथ होने वाले संभावित साइबर अपराधों, दुव्यर्वहार आदि के बारे में बताते हुए चाइल्ड हेल्पलाईन, साइबर हेल्प लाईन 1930 आदि के बारे में जानकारी दी तथा किसी भी सुरक्षा संबंधित समस्या ।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक चन्द प्रकाश जीनगर द्वारा सत्र के दौरान सुरक्षा सखियों को किशोर न्याय अधिनियम एवं भारतीय संविधान अंतर्गत प्रदत्त विशेष अधिकारों, राज्य एवं केन्द्र द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होने विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे शिशु गृह, बाल गृहों के बारे में जानकारी देते हुए बालकों से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा प्रियंका पालीवाल ने बालिका सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बालकों के साथ लैंगिक दुर्व्यवहार की घटनाओं के मामलों में रिपोर्टिंग प्रकिया तथा जिला स्तर पर बाल सुरक्षा के लिए कार्यरत विभिन्न संरचनाओं के बारे में बताया। महिला थाना थानाधिकारी मधु कंवर द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा संचालित किए जा रहे महिला पुलिस थाना, महिला सलाह सुरक्षा केन्द और महिला हेल्प लाईन के बारे में बताया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला द्वारा उपस्थित सुरक्षा सखियों तथा बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को राजस्थान पुलिस की राजकोप एप्लीकेशन के बारे में एवं पुलिस थानों की सोशल मिडीया पर उपलब्धता के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होने बताया कि सुरक्षा सखी संवाद पखवाडे के दौरान सभी पुलिस थानों की सोशल मिडीया पर सुरक्षा सखियों की फोटो को डिस्पले के रूप में लगाया गया है तथा सराहनीय कार्य करने वाली सुरक्षा सखियों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों के बाल कल्याण, पुलिस अधिकारीगण थानाधिकारी संजीव स्वामी, बाल अधिकारिता विभाग के नवीन ककेरडा, पुलिस विभाग के हैड कानि. रामपाल एवं कार्यक्रम के आकाश उपाध्याय सहित 100 से ज्यादा प्रतिभागी उपस्थित थे।
पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा सखियों से संवाद प्रशिक्षण के उपरान्त सुरक्षा सखियों द्वारा खुली चर्चा के सत्र के दौरान सभी पुलिस थानों की सुरक्षा सखियों से पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी जी ने संवाद किया। इस दौरान सुरक्षा सखियों ने पुलिस थाना स्तर पर बालकों तथा महिलाओं से संबंधित सुरक्षा संबंधित समस्याओं के बारे में बताया जिनके समाधान के लिए पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया। निम्बाहेडा एवं बस्सी पुलिस थाने की सुरक्षा सखियों द्वारा महिला और बालिकाओं के लिए किए गए सराहनीय कार्यों की भी जानकारी दी गई। पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित अधिकारियों और सुरक्षा सखियों को थाना क्षेत्र में देखरेख एवं
संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के चिन्हीकरण के लिए प्रेरित किया।
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