चित्तौड़गढ़-पार्टी को मां बोलकर हराने वाला रेपिस्ट: कांग्रेस प्रत्याशी का दर्द


चित्तौड़गढ़-पार्टी को मां बोलकर हराने वाला रेपिस्ट: कांग्रेस प्रत्याशी का दर्द 

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News-पार्टी को मां बोलकर हराने वाला रेपिस्ट : कांग्रेस प्रत्याशी ने बया किया अपना दर्द 

कांग्रेस पार्टी की स्थापना दिवस में भी एक बार फिर गुटबाजी देखने को मिली। चित्तौड़गढ़ जिले की पांचों विधानसभा में हुई करारी हार के बाद प्रत्याशियों ने अपना दर्द बयां किया। बड़ीसादड़ी कांग्रेस प्रत्याशी बद्रीलाल जगपुरा ने पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ काम करने वाले को रेपिस्ट कह दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी को मां कहते है और उसी को हराते है तो मां के साथ रेप कर रहे है। वहीं, इस आयोजन में मीडिया को भी दूर रखा गया है। 

बंद कमरे में हुई बैठक

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर आज कांग्रेस पार्टी का 139 वां स्थापना दिवस मनाया गया इस दौरान कार्यालय में आयोजित प्रोग्राम में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी को अपने-अपने विचार रखने थे। इस दौरान डेयरी चेयरमैन और बड़ीसादड़ी प्रत्याशी बद्रीलाल जगपुरा के बोलने की बारी आई। उन्होंने मंच पर अपना गुस्सा दिखाया तो इस पर सभी पदाधिकारी ने बंद कमरे में उन्हें चुनाव की समीक्षा के बारे में बात करने से इनकार कर दिया। लेकिन बद्री लाल जगपुरा नहीं माने और उन्होंने अपना दर्द बयां किया। इस दौरान मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया।

अगर पार्टी ने ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया तो मैं कांग्रेस में नहीं रहूंगा

मीटिंग पूरी खत्म होने के बाद जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस पर ऐसे-ऐसे लोग भी थे, जो चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हरा रहे थे। ऐसे लोगों को देखकर दुख होता है। जो लोग बोलते हैं की पार्टी मेरी मां है, उसके बाद जो पार्टी को हराता है तो उनको ऐसा नहीं लगता कि वह अपने मां के साथ बलात्कार कर रहे। जब पार्टी को मां बोलते हैं और उसको हराते हैं तो फिर कैसे मां बोल सकते हैं। मां तो बोलना ही नहीं चाहिए। चाहे कोई भी पार्टी हो, लेकिन जब आप किसी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं तो या तो आप उस संगठन का कोई पद ना ले, या कार्यकर्ता ना बने। कार्यकर्ता बनते हैं तो उस पार्टी के साथ वफादारी भी करना चाहिए। 

मैं यह सभी पदाधिकारी से कहना चाहता हूं कि अगर ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया तो मुझ जैसे कार्यकर्ता तो इस कांग्रेस पार्टी में नहीं मिलेंगे। जो चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे। अब पार्टी के मंच में बोल रहे हैं, फिर मुझ जैसे ईमानदार आदमी क्या करेंगे? फिर तो हम राजनीति ही छोड़ देंगे। हम अपने घर बैठ जाएंगे। काम धंधा करेंगे, खेती-बाड़ी करेंगे। ऐसे लोगों के सामने साथ पार्टी में मैं काम नहीं कर सकता। मंच साझा नहीं कर सकता।

जो लगातार दो चुनाव में पार्टी को हर रहा था, आज वह अपने आप को सिपाही बोल रहा है

उन्होंने कहा कि कपासन विधानसभा में भी आनंदीराम का टिकट काटकर शंकर बैरवा को टिकट दे दिया। जो पिछले दो चुनावों में पार्टी को हरा रहे थे। आज पार्टी की तरफ से टिकट मिल गया तो खुद को पार्टी का सिपाही कह रहा है। लेकिन पिछले दो बार से लगातार पार्टी को ही हरा रहे थे। लोग भी यह बोल रहे हैं कि हम ऐसे व्यक्ति को क्यों वोट दे। पार्टी को भी सोचना चाहिए कि जो व्यक्ति पार्टी का नहीं है, उसे आप टिकट दे रहे हो तो पार्टी तो हारेगी, फिर आप कार्यकर्ताओं को दोष देते हो।

जो चुनाव लड़कर हारता है, वही दर्द समझता है

उन्हें मंच पर चुनाव को लेकर बोलने से इंकार किया गया। इस पर बद्रीलाल जग पुराने नाराजगी जताते हुए बताया कि सब मुझे रोक रहे थे। कह रहे थे कि आज स्थापना दिवस है। बाद में समीक्षा करेंगे। बोलने की भी तरीके होते हैं। चुनाव लड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं है। वह बोल रहे हैं जिन्होंने कभी पार्षद का भी चुनाव लड़ा नहीं हो, वह लोग ऐसी बातें करते हैं। जो चुनाव लड़ते हैं और हारते हैं तो उनको कितना दर्द होता है, वही जानता है। आज स्थापना दिवस पर हर और जीत की बात नहीं करेंगे, जिसने हराया उसकी बात नहीं करेंगे। फिर कब करेंगे। पार्टी का मंच रोज थोड़ी ना बैठता है लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी और मैं अब अपनी बात रखी।


 

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