सकारात्मक पेरेंटिंग पर चर्चा को जुटा शहर


सकारात्मक पेरेंटिंग पर चर्चा को जुटा शहर

"बच्चों के साथ रियल लाइफ जीयें- मेटेरियल लाइफ नहीं”- निगम आयुक्त

 
parenting

उदयपुर नगर निगम द्वारा वेनलीयर फाउंडेशन और जतन संस्थान के साझे में “पैरेंट प्लस” परियोजना अंतर्गत आयोहित कार्यशाला को संबोधित करते हुए नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने कहा कि आज के इस मशीनी दौर में बच्चों के साथ अभिभावकों को रियल लाइफ जीने की ज़रूरत है, मेटेरियल लाइफ नहीं। आज के दौर में अभिभावक बच्चों को समय नहीं देते और उन्हें व्यस्त रखने के लिए टीवी और मोबाइल का सहारा लेते हैं. इस से बच्चे के स्वाभाविक शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है।  

इस से पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जतन के निदेशक डॉ. कैलाश बृजवासी ने सभी अथितियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य माता-पिता को बच्चों के समग्र विकास के लिए सशक्त बनाना और समुदाय में इसके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ावा देना है। निगम द्वारा विगत 3 वर्षों में शहर में बच्चों और अभिभावकों के साथ किये गये सामुदायिक कार्यों पर भी प्रकाश डाला। वेन लीयर फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर अखिलेश टाक ने परियोजना की 3 साल की उपलब्धियों को बताते हुए बच्चों के विकास में घर के सभी सदस्यों खासकर पुरुषों की भूमिका को बताया. 

सकारात्मक पेरेंटिंग पर हुई चर्चा 

कार्यशाला में हुई पैनल चर्चा में सामुदायिक एवं व्यवहारिक विज्ञान महाविद्यालय की रिटायर्ड प्रोफ़ेसर डॉ. गायत्री तिवारी ने बच्चों के विकास में माता और पिता के रोल पर प्रकाश डाला। युनिसेफ, जयपुर से आये बाल सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. संजय निराला ने पोक्सो एक्ट पर चर्चा करते हुए बच्चों की सुरक्षा के आयाम बताये। पुलिस विभाग से आई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चेतना भाटी ने “सेफ टच और अनसेफ टच” को समझाया. राजस्थान में बच्चों से जुड़े विभिन्न मामलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने सकारात्मक पेरेंटिंग की ज़रूरत को बताया. फ़ॉस्टर केयर से आई शिल्पा मेहता और राजस्थान बाल सुरक्षा आयोग के सदस्य ध्रुव काव्या ने भी अपनी बात रखी। 

दूसरे पैनल में आंगनवाडी कार्यकर्त्ता अतिका बानू और रेखा ओड़ ने अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने आंगनवाडी पर कार्य करने के दौरान आने वाली चुनौतियों को भी सामने रखा। सामुदायिक एवं व्यवहारिक विज्ञान महाविद्यालय से आई स्नेहा जैन ने बच्चों के साथ घर में मौजूद सामग्री से विभिन्न खेल सामग्री निर्माण करने के तरीके सुझाए अर्बन डिजाइनर किकाली डिजाइंस निदेशक अब्बास ने घरों में बच्चों का क्रिएटिव कोना बनाने तथा शहरी विकास में बच्चों के लिए सुरक्षित और सुगम ज़ोन निर्माण पर सुझाव दिया। पत्रकार रुद्रेश शर्मा ने प्रिंट मीडिया और सोश्यल मीडिया के रोल और जिम्मेदारियों को समझाया। 

नुक्कड़ नाटक से संयुक्त जिम्मेदारी का सन्देश दिया

कार्यशाला के दौरान जतन टीम सदस्यों द्वारा बच्चों की परवरिश में परिवार के विभिन्न सदस्यों की भूमिका, बच्चों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाए- इस पर सन्देश दिया गया। 

इस दौरान परियोजना में सक्रिय सहयोग करने वाले अभियंताओं, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, अर्बन प्लानर, महिला पर्यवेक्षकों आदि का सम्मान किया गया।  कार्यशाला में चाइल्ड सेफ्टी गाइडलाइन, शाला पूर्व शिक्षा फ्रेमवर्क, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता प्रशिक्षण मोड्यूल का विमोचन किया गया. अंत में अखिलेश टांक द्वारा सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया।  

ये रहे मौजूद 

कार्यक्रम में निगम आयुक्त राम प्रकाश के साथ अधिशाषी अभियंता शशिबाला सिंह, अभियंता आदित्य आमेटा, समेकित बाल विकास से बाल विकास अधिकारी विपुल शर्मा (उदयपुर शहर) और गरिमा उपाध्याय (बड़गांव), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शहर समन्वयक वैभव सरोहा, इकली साउथ एशिया से युगल टांक, भूपेन्द्र और ओम प्रकाश, सेवा मंदिर से डॉ. अलका शर्मा सहित विभिन्न ANM, आंगनवाडी कार्यकर्त्ता, आशा, नगर नियोजन से जुड़े विभिन्न आर्किटेक्ट आदि मौजूद रहे. जतन की ओर से पैरेंट प्लस परियोजना प्रबंधक सुरभि यादव, डॉ. नीलू चौधरी, पुषर नायक, डॉ. उषा आदि मौजूद रहे। 


 

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags