उदयपुर 29 दिसंबर 2023। देश विदेश में अपनी खुबसुरती और झीलों के लिए मशहूर लेकसिटी, जहां का प्रशासन हर समय इसी दिशा में कार्य करता रहता है की किस तरह से ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित किया जाए क्योंकी पर्यटन ही इस शहर के लगों की कमाई का मुख्य जरिया है। इस के अतिरिक्त देश को G-20 सम्मलेन की मेजबानी करना का मौका मिलने पर सम्मलेन आयोजित करने वाला पहला शहर भी लेकसिटी उदयपुर ही है।
इस दौरान प्रशासन द्वारा दिल खोल कर शहर के रंग रोगन पर खर्चा किया गया था, शहर का एक भी कोना ऐसा नहीं छोड़ा गया था जिसकी मरम्मत नहीं की गई हो। दीवारों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरों और ग्रैफिटी से सजा दिया गया था। और यहीं कारण है की शहर को विश्व के खूबसूरत देशो की लिस्ट में शामिल किया गया साथ ही सम्मलेन में यहाँ आने वाले शेरपाओं ने भी काफी सरहाना की थी।
लेकिन अगर शहर में रहने वाले बाशिंदों की बात मानी जाए तो उदयपुर शहर की ये छवि धूमिल सी लगने लगती है और सारे प्रयास और शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे झूठे से लगने लगते हैं।
जी हां, हम बात कर रहे है शहर के बाशिंदों की उन समस्याओं की जिनसे उन्हें विश्व के सुन्दरतम देशों की लिस्ट में शामिल इस शहर में रहते हुए सामना करना पड़ता हैं। चाहे वह पीने के पानी की उपलब्धता से जुडी समस्या हो, चाहे रेंगते हुए ट्रैफिक की या फिर टूटी और बीमार सड़कों की। ऐसी ही एक समस्या सड़कों की बदहाली को लेकर शहर के पिछोला क्षेत्र से सामने आई है।
दरअसल शहर को सीसारमा गांव से जोड़ने वाली रिंग रोड इन दिनों इलाज के इंतजार में है और यहां पर आने वाले पर्यटक और क्षेत्र वासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि पिछले 3 महीने से यहां बनी सड़क बदहाल पड़ी हुई है और इसको लेकर क्षेत्रवासियों द्वारा अनेक बार संबंधित विभाग और उनके अधिकारियों को अवगत भी कराया गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
गौरतलब है कि पूर्व में भी यह सड़क लंबे समय तक टूटी-फूटी हालत में रही और काफी मशक्कत और शिकायतों के दौर के बाद उसे ठीक किया गया था लेकिन कुछ ही समय श्रृंगार में रहने के बाद एक बार फिर सड़क अपने पुराने रंग रूप में ही लौट आई है।
ऐसे में इस सड़क से रात्रि के समय गुजरने वाले क्षेत्र वासियों और पर्यटकों को हादसों का सामना करना पड़ रहा है खासतौर से अगर क्षेत्र में कोई गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाया जाए तब रास्ते में ही काफी परेशानी सामने आती है।
इसी के साथ पास ही में बने मंदिर में भी रोज दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं लेकिन उन्हें यहां पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सभी मिलकर इस सड़क को फिर से सुधारने की मांग कर रहे हैं, और उनका कहना है कि संबंधित विभाग के अधिकारी उनके बार-बार कहने पर भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। सभी की मांग है कि परेशानी के निवारण के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए।
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