राजसमंद में जनप्रतिनिधियों और नेताओं के बड़े-बड़े विकास के दावे इस बरसात में पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे हैं। पिपलांत्री ग्राम पंचायत में हुई एक दुखद घटना ने इन दावों की पोल खोल दी है, जहां एक महिला के निधन के बाद ग्रामीणों को उसकी डेड बॉडी श्मशान तक ले जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। श्मशान घाट में पानी भरने के कारण न केवल अंतिम संस्कार में बाधा आई, बल्कि ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर शव को पानी से भरे रास्ते से ले जाना पड़ा।

यह घटना दर्शाती है कि क्षेत्र में विकास के नाम पर सिर्फ बातें हो रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान घाट की इस बदहाली को लेकर कई बार स्थानीय नेताओं और सरपंच प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अब आलम यह है कि जीवित तो दूर, मृतकों को भी अंतिम संस्कार के लिए शांति नहीं मिल पा रही है। पानी में डूबे श्मशान घाट तक शव ले जाने के लिए ग्रामीणों को हर बार अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द श्मशान घाट की स्थिति में सुधार किया जाए और भविष्य में ऐसी परेशानियों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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