आरटीडीसी होटल जयसमंद में चल रहे रिनोवेशन कार्य पर विवाद

आरटीडीसी होटल जयसमंद में चल रहे रिनोवेशन कार्य पर विवाद

सरकारी अनुमति से हो रहा आरटीडीसी होटल जयसमंद का रिनोवेशन कार्य : सुहालका

 
jaisamand pal

एक तरफ जहाँ वन विभाग और जल संसाधन विभाग ने अवैध निर्माण बताते हुए आपत्ति दर्ज करवाई है तथा काम रोकने का नोटिस भी दिया है वही आरटीडीसी (राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन) ने मंगलवार को होटल कजरी में प्रेसवार्ता के दौरान स्विमिंग पूल समेत रिनोवेशन के सभी कार्य को सही बताया है। 

उदयपुर। भारत की दूसरी सबसे बड़ी झील जयसमंद के 'आरटीडीसी होटल जयसमंद’ में स्विमिंग पूल को लेकर सरकारी विभागों में आपस में ही जंग छिड़ी हुई है। एक तरफ जहाँ वन विभाग और जल संसाधन विभाग ने अवैध निर्माण बताते हुए आपत्ति दर्ज करवाई है तथा काम रोकने का नोटिस भी दिया है वही आरटीडीसी (राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन) ने मंगलवार को होटल कजरी में प्रेसवार्ता के दौरान स्विमिंग पूल समेत रिनोवेशन के सभी कार्य को सही बताया है। 

जयसमंद स्थित ‘आरटीडीसी होटल जयसमंद’ होटल को लीज पर लेने वाले लाइसेंसी एपिटोम डेस्टिनेशंस के  निदेशक सुनील सुहालका ने आरटीडीसी के होटल कजरी में प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि होटल जयसमंद में रिनोवेशन का कार्य विभिन्न स्तरों पर सरकारी अनुमति के बाद नियमों के अनुरूप ही शुरू किया गया व इसमें कहीं पर भी ना तो कानून की अवेहलना हुई, ना ही वहां के पारिस्थितिकी तंत्र को कोई नुकसान पहुंचा है। प्रेसवार्ता में होटल कजरी के महाप्रबंधक सुनील माथुर, सहायक अभियंता उपखंड उदयपुर मनोज कुमार चतुर्वेदी, सूर्यप्रकाश सुहालका आदि मौजूद थे।

सुहालका ने बताया कि उपरोक्त होटल के साथ तीन अन्य आरटीडीसी की सम्पत्तियां उनकी फर्म को अप्रेल 2021 में 5+5 वर्ष के अनुबंध पर दी गई है। कोरोनाकाल की वजह से इन सम्पत्तियों में रिनोवेशन का कार्य सुचारू रूप से शुरू नहीं किया जा सका था। इसी के तहत आरटीडीसी होटल जयसमंद में भी रिनोवेशन कार्य जुलाई में पुन: आरंभ किया गया है। उक्त प्रोपर्टी जब हमें चार्ज में दी गई तब वह अत्यंत जीर्ण-शीर्ण, दयनीय व खंडहर की स्थिति में थी। पिछले 15 वर्षों में इस संपत्ति में फर्शी इत्यादी को तोड़ कर झाडिय़ां व बबूल आदि उग गए थे। ऐसे में नई तकनीक से मरम्मत तथा रिनोवेशन कार्य करवाए बिना संचालन संभव नहीं था जिसकी स्वीकृति राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड अर्थात लाइसेंसर की ओर से अनुबंध की शर्तों के तहत प्रदान की गई। इसी रिनोवेशन कार्य में भवन में टूटे व क्रेक हो चुके स्विमिंग पूल की दीवारों को भी मजबूत कर ठीक कर आरसीसी से दीवारें भरी जानी थीं ताकि बारिश का पानी भवन की दीवारों, नींवों में न जा पाए व भवन को सीलन से बचाया जा सके। इसके साथ ही संपूर्ण भवन के रिनोवशन जिसमें नई वायरिंग, सेनेट्री, चॉक हो चुकी सिवरेज लाइनों को खुलवाना व दीमक से सड़ चुके दरवाजे इत्यादि को हटा कर नए दरवाजे व फर्नीचर आदि का काम होना है। इस कार्य के आरंभ होते ही कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा आसपास के व्यावसायिक प्रतिस्पर्धियों के प्रभाव में अफवाहें फैलाते हुए विरोध शुरू कर दिया गया। 

उक्त संपत्ति हमें काफी कम समय के लिए लीज पर दी गई है ऐसे में इस पुरानी विरासत (होटल) का पुनरूद्धार व मरम्मत का काम करके पुन: पर्यटकों की सुविधानुसार सुचारू करना हमारे लिए बड़ी आर्थिक व मानसिक चुनौती है। - सुनील सुहालका 

होटल व पाल का खसरा अलग अलग 

सुहालका ने बताया कि होटल पाल पर स्थित नहीं है तथा राजस्व रिकॉर्ड में उसका खसरा नंबर 2282 व नक्शा टे्रस में उसकी स्थिति पाल से अलग है। जबकि जयसमंद पाल का खसरा नंबर 2284 है जो कि नक्शे में भी अलग दर्शाया गया है। वस्तुस्थिति यह है कि उक्त महल (होटल) पाल के उत्तरी छोर पर स्थिति अरावली पर्वतमाला की पहाड़ी को काट कर तत्कालीन महाराजा ने पहाड़ी के चौक पर बनाया था। महल की फर्शी के नीचे काटी गई पहाड़ी की चट्टानें मौजूद हैं। बरसों से जर्जर हुए इस स्विमिंग पूल सहित भवन के अन्य समस्त हिस्सों को मजबूत रिनोवेशन की आवश्यकता है। इसी क्रम में समस्त कार्य स्वीकृति के साथ हमारे फंड से विशेषज्ञ विभागीय इंजीनियर की देखरेख में करवाए जा रहे हैं। 

सुनील सुहालका ने बताया कि होटल संचालन को लेकर वन विभाग और जल संसाधन विभाग का रवैया सहयोगपूर्ण नहीं रहा है। आरटीडीसी ने होटल के लिए गार्डन व मुख्य दरवाजे को फेंसिंग से खुलवाने के लिए वन विभाग से कई पत्र व्यवहार किए जिसके बाद उप वन संरक्षक वन्यजीव श्री अजीत उचोई की ओर से होटल प्रबंधन को पत्र देकर स्वीकृति दी थी कि 10 फीट का अलग से दरवाजा व गार्डन आदि का निर्माण कर सकेंगे। इसके तुरंत बाद गार्डन व गेट आदि का कार्य करवा दिया जिसकी लागत लगभग 5 लाख की आई। कुछ समय बाद हमारे द्वारा स्वीकृति से निर्मित समस्त कार्यों को बिना किसी पूर्व सूचना के ईडीसी व फोरेस्टर की मौजूदगी में गत दिनों जेसीबी लगा कर तहस-नहस कर दिया गया। बाद में आवाजाही का मार्ग भी अवरूद्ध कर दिया गया। अब जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता ने भी स्विमिंग पुल हेतु नोटिस विभाग को नहीं देकर व्यक्तिगत तौर देकर परेशान किया जा रहा है। हमने समस्त नोटिसों का तथ्यात्मक जवाब दिया। अधूरे स्विमिंग पूल के काम को बीच में रोक दिए जाने के बाद बारिश होने पर पुल की साइड दीवारें ढह गईं जिन्हें तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है अन्यथा बरसाती पानी सीधे भवन को नुकसान पहुंचाएगा जिससे भवन के गिरने की भी आशंका है। 

रेनोवेशन सही - आरटीडीसी 

सुहालका ने स्पष्ट किया कि 19 जुलाई को विभाग की ओर से आरटीडीसी के सहायक अभियंता मनोज कुमार शर्मा ने कहा की उन्होंने तथा कजरी के महाप्रबंधक सुनील माथुर ने संपूर्ण मुआयना किया तथा प्राथमिकता के आधार पर पुल की सभी दीवारों को बनाने हेतु कहा ताकि भवन व पाल की सुरक्षा की जा सके। सुहालका ने कहा कि रिनावेशन कार्य से जयसमंद पाल को कोई खतरा नहीं है व इससे संबंधित सभी तथ्यों के मद्देनजर ही निष्पक्ष समाचारों का प्रसारण किया जाए। 

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