उदयपुर 26 दिसंबर 2024 - राजसमंद ज़िले के रेलमगरा इलाके में एक बेटी ने अपनी माँ की चिता को मुखाग्नि देते हुए उन्हें दुनिया से विदाई दी।
परिजनो से मिली जानकारी के अनुसार 55 वर्षीय महिला मंजू देवी सांसी जो की पिछले कुछ समय से बीमार थी उनका 12 दिन पूर्व देहांत हो गया। मंजू और उनके पति मदन लाल सांसी की 3 बेटियां और 1 बेटा हैं। लेकिन बेटे मलखान सिंह ने माता-पिता की मर्जी के विरोध जाकर शादी की जिसके बाद माता पिता ने नाराज हो कर उन्हें घर से बेदखल कर दिया। इसके बाद से पिछले 5-6 सालों से वह चितोड़गढ़ में रहते है और वहां सरकारी स्कुल में टीचर के पद कार्यरत हैं। उनके पिता भी अजमेर की भिनाय तहसील में सरकारी स्कूल में ही प्रधानाध्यापक हैं।
बेटे और माता पिता के इस विवाद के चलते पिता ने पत्नी मंजू देवी के देहांत के बाद अंतिम संस्कार करने और पगड़ी रस्म अदा करने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी अपनी बड़ी बेटी पप्पी दहियावत को सौंप दी। जिसके बाद पप्पी ने मां की चिता को मुखाग्नि दी।
उनके पिता ने एक घोषणा पात्र जारी किया जिसमे उन्होंने उनकी मृत्यु होने पर भी उनके अंतिम संस्कार करने और संपत्ति पर भी पूरा अधिकार बेटी का होने जैसी बातें लिखी हैं। साथ ही घोषणा पत्र में उन्होंने ये भी लिखा की उनका पुत्र मलखान समस्त अधिकारों से वंचित रहेगा और किसी भी तरह से अंतिम धार्मिक क्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
मदन लाल की पत्नी की मृत्यु के बाद जब उनके अंतिम संस्कार की बात आई तो उनके पास गांव में खुद की कोई जमींन नहीं होने से बड़ी समस्या खड़ी हो गई। जिस पर उनके छोटे भाई विनोद और उनकी पत्नी हेमलता ने ऐसे समय में आगे आकर भाई का साथ दिया और मंजू देवी के शव का उनकी जमीन पर अंतिम संस्कार किया गया।
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