पिछले दिनों शहर के मार्बल व्यवसाई कपिल सुराणा और भू-व्यवसायी लक्ष्मण सिंह झाला के बीच हुआ विवाद अब दिन ब दिन गंभीर रूप लेता जा रहा है, पहले सुराणा ने अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगते हुए झाला और अन्य लोगों से खिलाफ सुखेर थाने में रिपोर्ट करवाई थी, जिसके बाद मामला सामने आने पर, झाला की पत्नी ने एक वीडियो जारी कर सुराणा पर गंभीर आरोप लगाए थे, साथ ही उन्हें कटारिया का भी करीबी बताकर उन्हें उनके पति झाला को झूठा फंसाने जैसी बात कही थी।
ऐसे में इन आरोप प्रत्यारोप के बीच कपिल सुराणा ने भी अपना पक्ष रखा और झाला पर गंभीर आरोप लगाए है।
गौरतलब है की इस घटना को लेकर लक्ष्मण सिंह झाला के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उन्हें 2 दिन पूर्व गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उनके समर्थन में उनके लोगों से थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया था, और इस कार्यवाही को गलत बताया था, हालाँकि पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट के सामने पेश किया था जहाँ से उन्हें एक दिन के रिमांड पर भेजा गया था और गुरुवार को कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
इधर गुरुवार को मिडिया से बातचीत के दौरान कपिल सुराणा ने कहा की वह पिछले 10 वर्षों से पुश्तैनी जमीन को लेकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहें हैं।
उन्होंने कहा की जोधपुर उच्च न्यायालय में किए गए वाद दायर पर उन्हें हक देने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए। माननीय न्यायालय के निर्देश की पालना में प्रशासन द्वारा उनकी जमीन का सीमाज्ञान करवाया गया जिसमे यह स्पष्ट हो चुका है कि अब रिसोर्ट में जाने का कोई भी रास्ता नहीं है।
उन्होंने दावा किया की आईटीसी रिसोर्ट में प्रवेश का मार्ग, पुलिया का कुछ हिस्सा, पार्किंग, रिसेप्शन का आधा भाग उनकी जमीन पर निर्मित किया गया है। इस कारण उन पर लगातार दवाव बनाया जा रहा है कि वह अपनी पुश्तैनी जमीन को छोड़ दें। उन्होंने कहा की उनके 10 वर्षों के प्रयास से प्राप्त हुए परिणामों से बौखलाए विजेंद्र चौधरी एवं लक्ष्मण सिंह झाला द्वारा उन पर एक पखवाड़े के भीतर 2 बार जानलेवा हमले किए गए हैं। साथ ही उन्होंने कुछ दस्तावेज भी मिडिया से सांझा किये और कहा की जिन भू माफियाओं ने अपने आप को गरीब का मसीहा एवं सुख दुख में गरीबों का साथ देने वाला स्वयंभू घोषित किया गया है उनके काले कारनामे इन कागजात पत्र के साथ में प्रेषित किए गए है।
सुराणा ने कहा की भू-माफिया लक्ष्मण सिंह झाला द्वारा सार्वजनिक रूप से यह बयान बाजी की जा रहा है कि उनका रिजॉर्ट मालिक विजेंद्र चौधरी से या उससे संबंधित किसी भी व्यक्ति से कोई भी व्यवहार नहीं है तो फिर 450 बीघा भूमि रिसोर्ट मलिक के साथ में क्यों खरीदी गई है। यह भूमि या तो आदिवासियों पर अत्याचार कर उन्हें डरा धमका कर हड़प रहे हैं या आप गरीबों के मसीहा नहीं है।
उन्होंने ये भी आरोप लगाया की इस रिसोर्ट का आवंटन पूरी तरह फर्जी तरीके से किया गया है। यह सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है। प्राकृतिक नाले को सकड़ा कर 2 किमी तक भराव डाल कर अवैध रूप से रोड का निर्माण किया गया है। जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत, पूर्व विधायक धर्म नारायण जोशी, पर्यावरण प्रेमी आदि ने की है। लेकिन अभी भी वह सड़क यथावत है।
सुराणा ने कहा की रिसोर्ट द्वारा वहा सेवा मंदिर द्वारा बनाए गए ऐनिकट की ऊंचाई को 2 मीटर तक बढ़ा दिया गया जिससे नीचे कुंए सुख चुके है। पहले ऐनिक्ट पर आदिवासी अपनी मवेशी को पानी पिलाने जाते थे वहा अभी वेटिकेड बनाकर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
न्यायालय द्वारा उनके पक्ष में फैसला देने के पश्चात अभी तक उन पर दो और जानलेवा हमले हो चुके हैं, उन्होंने गंभीरता जाहिर करते हुए कहा की भविष्य में भी उनके ऊपर या उनके परिवार के साथ में कोई अनहोनी घटना हो सकती है और अगर ऐसी कोई भी घटना होती है तो इसके जिम्मेदार रिसोर्ट मलिक विजेंद्र चौधरी एवं लक्ष्मण सिंह झाला रहेंगे।
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