उदयपुर 26 दिसंबर 2024 । ठेला फुटपाथ व्यवसायी पथ विक्रेता अधिनियम, 2014 के प्रावधानों के तहत उदयपुर शहर में व्यवसाय कर रहे हैं, ऐसे में उनके विरुद्ध अतिक्रमण के नाम पर बेदखल करने और ठेला सामान जप्त कर 6000 रुपये से 10000 रुपये तक जुर्माना वसूल कर ठेला सामान छोड़ने की कार्रवाई गैर कानूनी होकर अवैध है। यह विचार ठेला व्यवसायी मजदूर यूनियन के संरक्षक एवं वरिष्ठ एडवोकेट पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने ठेला व्यवसायी मजदूर यूनियन की शिराली भवन में हुई बैठक में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि नगर निगम ,प्रशासन एवं पुलिस अतिक्रमण के नाम पर मात्र ठेला फुटपाथ व्यवसायी एवं छोटे दुकानदारों पर ही कार्रवाई कर शहर में आतंक को तानाशाही का माहौल बना रही है। उन्होंने कहा कि पथ विक्रेता अधिनियम लागू होने से नगर निगम, प्रशासन और पुलिस को ठेला फुटपाथ व्यवसायी के विरुद्ध कार्रवाई करने का अधिकार ही समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि ठेला फुटपाथ व्यवसायी के बारे में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार मात्र टाउन वेंडिंग कमेटी को है लेकिन उसे दरकिनार कर रखा है।
बैठक में यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद निज़ाम ने कहा कि नगर निगम उन ठेला फुटपाथ व्यवसायी के खिलाफ भी कार्यवाही कर रही है जिन्हें उन्होंने लाइसेंस दे रखे हैं। उन्होंने कहा कि ठेला फुटपाथ व्यवसायी उदयपुर शहर की जनता की सेवा कर रहे हैं लेकिन उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है ऐसे में यूनियन ठेला फुटपाथ व्यवसायी के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए आर पार का संघर्ष करेगी ।
बैठक में नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के राज्य संयोजक याकूब मोहम्मद् ने कहा कि शहर में पार्किंग नहीं होने से वाहनों के रोड पर खड़े रहने से यातायात की समस्या है लेकिन नगर निगम, प्रशासन और पुलिस बीमारी कुछ और है और उसका इलाज कुछ और कर रहा है।
बैठक में यूनियन की सचिव रानू सालवी ने कहा कि नगर निगम को कई बार कानून के बारे में अवगत करा उनसे अवैध गैर कानूनी कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया लेकिन उनके बर्ताव में कोई अंतर नहीं आया। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने नो वेंडिंग जोन तो घोषित कर रखे हैं लेकिन उदयपुर शहर में एक भी जगह वेंडिंग जोन नहीं बनाया गया है, ऐसे में बेदखल किए जाने वाले ठेला व्यवसायी कहां पर अपना व्यवसाय कर सकेंगे।
यूनियन की उपाध्यक्ष मोहिनी माली ने कहा कि नगर निगम और पुलिस के अधिकारी कर्मचारी महिलाओं के साथ भी अमानवीय व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि आज नगर निगम की तानाशाही के कारण हर ठेला फुटपाथ व्यवसायी परेशान है,चाहे वह भाजपा का समर्थक ही क्यों ना हो।
बैठक में टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य और यूनियन के सचिव धर्मेंद्र कुमावत ने कहा कि टाउन वेंडिंग कमेटी में भाजपा समर्थित सदस्यों को भी आज आम ठेला व्यवसायी की आवाज को उठाना होगा क्योंकि आम ठेला व्यवसायी ने भाजपा को नहीं, आम ठेला व्यवसायी को मजबूत करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए उन्हें वोट दिया था।
उन्होंने कहा कि टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में जोरदार तरीके से ठेला फुटपाथ व्यवसायी के मुद्दे को रखा, जिस पर उन्होंने ठेला फुटपाथ व्यवसाइयों पर नो वेंडिंग जोन, अतिक्रमण के नाम पर उन्हें बेदखल करने की कार्यवाही पर रोक लगाने, उनके ठेले सामान जब्त नहीं करने और भारी जुर्माने की राशि नहीं लगाने, राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेजी जाने वाली योजना में 2500 के स्थान पर व्यवसायरत 10000 वेण्डर्स के व्यवसाय की सुरक्षा की योजना बनाने, 11 फीट से कम चोड़ी सड़क पर व्यवसाय करने के अधिकार से वंचित करने की शर्त को हटाने की मांग की है।
बैठक में यूनियन के सचिव मोहम्मद शाहीद ने कहा कि नगर निगम उदयपुर द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स को जो पहचान पत्र दिए गए हैं उनमें भी जहां पर वह व्यवसाय कर रहे है, वहां का न देकर अन्य जगहों को दर्शाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जैसे जो व्यक्ति चेतक सर्कल पर व्यवसाय कर रहा है उसे हिरण मंगरी सेक्टर 4 में बताया जा रहा है, वही जो दिल्ली गेट पर व्यवसाय कर रहा है उसे फतेहपुरा बताया जा रहा है।
बैठक में 07 जनवरी को नगर निगम उदयपुर पर प्रदर्शन करने के साथ वहां से रैली निकाल जिला कलेक्ट्री उदयपुर पर प्रदर्शन कर पडाव डालने का निर्णय लिया गया।
बैठक में महेंद्र खटीक, रानी माली, देवी सिंह, रमेश नाथ, विनोद साहू, राजेश सोनी, लोकेश गुर्जर, रामलाल बैरवा, सुरेश चौबीस आदि भी उपस्थित थे जिन्होंने भी अपने विचार रखे।
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