उदयपुर 15 नवंबर 2023। प्रमुख समाजसेवी ज्ञानचंद रांका ने मानवता की सेवा के लिए देहदान करते हुए सेवा का संदेश दिया है। उनसे प्रेरित होकर उनके परिवार के सदस्यों ने भी देहदान का संकल्प लिया है। 83 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए ज्ञानचंद रांका ने देहदान का निर्णय लिया था और निधन पश्चात आरएनटी में देहदान करने के दौरान उनकी पत्नी श्रीमती प्रेमलता रांका और राजकीय सेवारत तीन पुत्रियां डॉ. अर्चना रांका (सांख्यिकी निदेशक), कल्पना रांका (सहायक लेखाधिकारी) व डॉ. वंदना (निजी सहायक) ने भी देहदान का संकल्प लिया।
ससुर जी से प्रेरणा लेते हुए दामाद प्रो. अजय कुमार चौधरी, दिनकर खमेसरा व संदीप बोल्या तथा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जोधपुर में अध्ययनरत दोहित्री चार्मी खमेसरा ने भी देहदान का संकल्प लेते हुए समाज में देहदान की अलख जगाने के लिए तन-मन-धन से जुटने का निश्चय किया।
देहदान के दौरान एनाटोमी विभाग की अध्यक्ष डॉ. परवीन ओझा ने श्रीमती प्रेमलता रांका को देहदान का प्रमाण पत्र पत्र प्रदान करते हुए बताया कि यहां पर आने के बाद पार्थिव देह का पूरा सम्मान किया जाता है एवं सभी इसकी शपथ लेते हुए अवकाश की अवधि में भी स्टाफ उपस्थित होकर देहदान स्वीकार करता है। यदि कोई आगे बढ़कर डोनेशन करे तो वे हमारे व भावी चिकित्सकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और मानव सेवा का बड़ा उदाहरण है।
डॉ. सौरभ ने कहा कि विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु देह की कमी रहती है और देहदान के लिए इच्छुक व्यक्ति पुनीत कार्य के लिए संकल्प लेकर सेवा कार्य में योगदान दे सकते है।
समाजसेवी व देहदान की अलख जगाने वाले सीए गौतम सुखलेचा ने बताया कि वे अपने माता-पिता सहित परिवार के 7 सदस्यों का देहदान करवा चुके है और समाज के अन्य लोगों को प्रेरित कर रहे है। खण्डीय लेखाधिकारी दिनकर खमेसरा ने देहदान को पार्थिव देह को अमरत्व प्रदान करने का अवसर बताते हुए अधिकाधिक देहदान हेतु प्रेरित किया।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal