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दिल्ली में क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम बारिश का प्रयोग

IIT कानपुर ने किया क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन, प्रदूषण घटाने की दिशा में बड़ा कदम

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नई दिल्ली 28 अक्टूबर 2025। दिल्ली सरकार ने मंगलवार दोपहर राजधानी के कई इलाकों में क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) का प्रयोग किया। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह कदम प्रदूषण के स्तर को कम करने और कृत्रिम बारिश की संभावना तलाशने के लिए उठाया गया है। हालाँकि इस प्रयास के लिए दिल्ली की पिछली AAP सरकार के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री रहे गोपाल राय ने केंद्र सरकार को अगस्त 2024 से नवंबर 2024 को पांच पांच पत्र लिखकर कोशिश  की थी।  

इस प्रयोग को आईआईटी कानपुर (IIT-Kanpur) ने अंजाम दिया। इसके लिए Cessna विमान का उपयोग किया गया, जिसमें नमक और सिल्वर आयोडाइड (Silver Iodide) से बने फ्लेयर्स लगाए गए थे, ताकि बादलों में नमी को संघनित कर बारिश उत्पन्न की जा सके।

🌧️ किन इलाकों में हुआ क्लाउड सीडिंग

विमान ने मेरठ दिशा से दिल्ली में प्रवेश किया और तय समय 12:30 बजे से कुछ देर बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई, क्योंकि दृश्यता कम थी।
क्लाउड सीडिंग का यह ऑपरेशन खेकरा, बुराड़ी, नॉर्थ करोल बाग और मयूर विहार क्षेत्रों में किया गया।

मंत्री सिरसा ने बताया कि इस दौरान 8 फ्लेयर्स का इस्तेमाल किया गया, जिनका वजन प्रत्येक 2 से 2.5 किलोग्राम था। ये फ्लेयर्स बादलों में छोड़े गए ताकि उनमें मौजूद नमी से वर्षा की प्रक्रिया शुरू हो सके।

🛩️ सिरसा का बयान

अपने वीडियो संदेश में सिरसा ने कहा,

“दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का दूसरा ट्रायल पूरा हुआ है। इसे आईआईटी कानपुर ने Cessna विमान के माध्यम से किया। विमान ने मेरठ की दिशा से प्रवेश किया और खेकरा, बुराड़ी, नॉर्थ करोल बाग, मयूर विहार में यह प्रक्रिया की गई। 8 फ्लेयर्स का उपयोग किया गया, जिनका वजन 2-2.5 किलो था। बादलों में 15-20% नमी मौजूद थी, और पूरी प्रक्रिया लगभग आधे घंटे चली।”

☁️ आगे क्या?

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि तीसरा ट्रायल भी आज ही किया जाएगा। अब तक दो सफल प्रयोग किए जा चुके हैं और आईआईटी कानपुर आने वाले दिनों में मौसम के अनुसार हर दिन 9-10 ट्रायल करने की योजना बना रहा है।

“आईएमडी के अनुसार, हवाएं उत्तर दिशा में जा रही हैं और अगले 15 मिनट से 4 घंटे के बीच बारिश की संभावना है। अगर प्रयोग सफल रहा, तो फरवरी तक दीर्घकालिक योजना बनाई जाएगी,” सिरसा ने कहा।

🌦️ क्या है क्लाउड सीडिंग?

क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसके तहत सिल्वर आयोडाइड या नमक आधारित यौगिकों को बादलों में छोड़ा जाता है। ये कण बादलों की नमी को संघनित करते हैं, जिससे छोटे-छोटे जलकण बड़े होकर वर्षा की बूंदों में बदल जाते हैं।

Source: Media Reports

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