उदयपुर 17 मई 2025। दिनांक 16 मई को बार एसोसिएशन उदयपुर द्वारा अधिवक्ता हितो के लिए राष्ट्रपति को ज़रिए जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया।
बार के महासचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि बार एसोसिएशन उदयपुर एवं अधिवक्ता संर्घष समिति के तत्वाधान मे उदयपुर के साथ उदयपुर संभाग के समस्त अधिवक्ताओ ने न्यायिक कार्यो मे भाग नही लेते हुए अधिवकताओं के हितों की रक्षा मे जिला न्यायाधीश संवर्ग भर्ती परीक्षा को रद्द करने, एडवोकेट प्रोटक्शन एक्ट लागू करने एवं न्यायपालिका मे व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त कर न्यायिक जवाबदेही तय करने हेतु कानून बनाने बाबत् महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रषित कर निवेदन किया।
बार एसोसिएशन उदयपुर अध्यक्ष चन्द्रभान सिंह शक्तावत ने जानकारी देते हुए कहा कि विगत समय मे राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जिला न्यायाधीश संवर्ग भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। उक्त भर्ती परीक्षा मे जानबुझकर अधिवक्ताओं को अनुर्तीण कर दिया गया और मात्र एक अधिवक्ता को साक्षात्कार हेतु उर्तीण घोषित किया गया जो परीक्षा नियमों के भी विपरित है। उक्त परीक्षा मे शामिल हुए सभी न्यायिक अधिकारीयों को भी उक्त परीक्षा मे अनुर्तीण घोषित किया गया लेकिन अनुर्तीण होने के बावजुद उक्त अधिकारीयों मे से विभागीय पदौन्नति की जावेगी जो हमारे न्यायिक व्यवस्था का उपहास मात्र है। उक्त परीक्षा भी न्यायपालिका मे अनुर्तीण रहे भ्रष्टाचार को इंगित करता है। दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जस्टिस यशवन्त वर्मा के घर पर मिले करोड़ो रूपयें के नोट स्पष्ट भ्रष्टाचार को बताता है।
अधिवक्ता संर्घष समिति के संयोजक रतन सिंह राव ने बताया कि वर्षो मे हुए भ्रष्टाचार और आपराधिकरण के कारण अधिवक्ता समुदाय अपने आप को असुरक्षित महसूस करता हैं। जिस कारण राजस्थान विधानसभा द्वारा पारित एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को अविलम्ब लागू किया जाना अति आवश्यक है। उक्त संर्घष समिति द्वारा पारित निर्णय की पालना मे यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 16 मई 2025 से सम्पूर्ण संभाग मे आगामी निर्णय तक न्यायिक कार्य का नही करते हुए अधिवक्ता संर्घष समिति मांग करती है कि जिला न्यायाधीश संवर्ग भर्ती परीक्षा को रद्द किया जावे, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट तुरन्त प्रभाव से लागू हो एवं न्यायिक अधिकारी जो भर्ती परीक्षा मे अनुर्तीण हुए है उन्हे परीक्षा मे पास होने तक पदोन्नत न किया जावें और न्यायपालिका मे फैल रहे भ्रष्टाचार को समाप्त कर न्यायिक जवाबदेही लागू करने के लिए कानून बनाया जावे अन्यथा आन्दोलन को तीव्र करने हेतु अधिवक्ता समुदाय मजबूर होगे।
प्रर्दशन मे बार एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष देवीलाल जाट, सचिव अभिषेक कोठारी, वित्त सचिव राजकुमार शर्मा, पुस्तकालय सचिव खेमराज डांगी, सहवृत सदस्य घनश्याम सिंह चौहान, नवीन वसीटा, मंजू चौहान के साथ बीसीआर मेंबर महेश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष शम्भू सिंह राठौड़, रमेश नन्दवाना, शान्ति लाल चपलोत, भरत वैष्णव, भरत जोशी, मनीष शर्मा, रामकृपा शर्मा, राकेश मोगरा, बूंदी से विद्यानंद गुप्ता नाथद्वारा से अर्पित पालीवाल भीलवाड़ा से अनुराग ओझा के साथ लगभग 1500 अधिवक्ता ने न्यायालय परिसर मे एकत्रित होकर रैली के रूप मे कोर्ट चौराहा होते हुए कलक्टर कार्यालय पहुच कर ज्ञापन प्रेषित किया।
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