लेपर्ड अटैक में मारे गए 6 लोगो के परिजनों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी की मांग


लेपर्ड अटैक में मारे गए 6 लोगो के परिजनों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी की मांग

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले ज्ञापन दिया 

 
bheel pradesh mukti morcha

उदयपुर 25 सितंबर 2024। जिले में आए दिन लगातार लेपर्ड अटैक में हो रही लोगों की मौत के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे आदिवासी समाज के लोगों ने उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर मृतक लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

इस मौके पर आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग कलेक्ट्रेट के बाहर इकट्ठा हुए जिन्होंने वर्तमान की प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन करते हुए हाल ही में उदयपुर और आसपास के इलाकों में हुए लेपर्ड अटैक्स में लोगों की मौत के मामले में सरकार को उनका जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक लोगों के परिजनों के लिए उचित मुआवज़े की मांग की।

इस अवसर पर समाज के प्रतिनिधि कांतिलाल रोत ने कहा कि पिछले कुछ महीनो में उदयपुर के गोगुंदा और झाड़ोल करीब आधा दर्शन आदिवासी लोगों को लेपर्ड ने शिकार कर उनकी जान ले ली। यह पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि उदयपुर जिले और आसपास के इलाकों में लेपर्ड द्वारा लोगों पर हमला कर उनको उनकी जान ली जा रही है और उनको खाया जा रहा है, मरने वालों में न सिर्फ आदिवासी समाज के बल्कि और भी दूसरे समाज के लोग शामिल हैं। 

उन्होंने ने कहा की पूर्व में ऐसी ही एक घटना सामने आई थी जिसमें फतेह सिंह नामक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी जिसमें तत्कालीन कलेक्टर ताराचंद मीणा ने मृतक के परिजनों को 22 लाख रुपए का मुआवजाऔर बेटे को संविदा पर सरकारी नौकरी दिलाई थीं, लेकिन जब भी कभी किसी आदिवासी की लेपर्ड अटैक में मौत हुई तो सिर्फ उसे l 5 लाख का ही मुआवजा दिलाया जाता हैं जो कि सरासर गलत है। 

उन्होंने कहा कि सरकार की इस दोहरी नीति को समाज बर्दाश्त नहीं करेगा और इसी के चलते आज बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा। हाल ही में हुई मोतों में कुल 6 लोग शामिल है जिनमें से सभी छह लोगों के परिजनों को 22-22 लाख रुपए का मुआवजा और संविदा पर नौकरी दिलाई जाए ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

विगत कई महीने से आदिवासी अंचल क्षेत्र झाड़ोल फलासिया और गोगुंदा के क्षेत्र में पैंथर हमले में पांच लोग जान गवां चुके है जिसमे कमला गमेती पुत्री अम्बावा उन्दीथल, खुमाराम पिता होमा गमेती छाली गोगुंदा, लक्ष्मी लाल भाट पिता पेमाजी बिछीवाड़ा, शिवलाल पिता लालूराम खराड़ी बिछीवाड़ा फलासिया, मीराबाई अहारी ढिकलिया झाड़ोल उनके आश्रितों को मुआवजा दिलवाने के लिए भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले ज्ञापन दिया और मांग की मृतकों के आश्रितों को 1-1 करोड़ रुपए की सहायता राशि की मांग की ओर आश्रित को एक एक नौकरी दिलवाने मांग की।  

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानती है तो उदयपुर जिला मुख्यालय साथ प्रत्येक तहसील पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जायेगा।  

इस दौरान कांति भाई रोत, आदिवासी उदयपुर डीसीसी भेरू लाल खराड़ी, जिलाध्यक्ष अमित खराड़ी, बीसीसी किशन पारगी, सलूंबर विधायक प्रत्याशी जीतेश कटारा, झाड़ोल विधायक प्रत्याशी दिनेश पांडोर, खेरवाड़ा विधानसभा प्रत्याशी विनोद मसार, सरपंच अनिल पारगी, लोकसभा उदयपुर प्रत्याशी प्रकाश चंद्र बुझ, कुंभलगढ़ विधायक प्रत्याशी डॉ .राम मीणा, गोगुन्दा से राजकुमार गरासिया, दुर्गा देवी अहारी सहित भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा, भीलप्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के सदस्य उपस्थित रहें। 

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