उदयपुर 12 दिसंबर 2024। सांसद मन्नालाल रावत ने गुरुवार को संसद में उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में बावडियों के संरक्षण का मुद्दा उठाया और इन्हें जल जीवन मिशन से जोडकर जल स्त्रोत रुप में काम लेने के साथ ही सांस्कृतिक पर्यटन के रुप में भी विकसित करने का आग्रह किया।
सांसद रावत ने नियम 377 के तहत संसद में यह मुद्दा रखा। सांसद रावत ने संसद में बताया कि विश्व आज शुद्द पेयजल की कमी से जुझ रहा है। भारत सरकार भी जल जीवन मिशन चलकर हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने को कटिबद्द है, परंतु मेरे लोकसभा क्षेत्र उदयपुर में 100 से अधिक बावड़ियों की जानकारी आई है जिनका जल संरक्षण, सांस्कृतिक मिलन और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। समाज के विविध तीज त्यौहार भी यहां मनाए जाते रहे है। इन स्थानों पर देवी देवताओं के स्थान रहे हैं, लेकिन विगत कालखंड में यह पावन स्थान अपेक्षित होते गए जिसमें प्रदूषण व मलबे के डंपिंग यार्ड भी बनाए जा रहे हैं।
उदयपुर शहर में एक बावड़ी में मिट्टी डालकर कब्जा करने की घटना भी चर्चा में रही है। सनातन धर्म संस्कृति पर परंपरा में वास्तु कला के यह महत्वपूर्ण स्थान ग्राम समाज के स्थानीय तीर्थ के रूप में पुनः प्रतिष्ठित हो सकते हैं।
सांसद रावत ने सरकार से आग्रह किया कि इन स्थानों को जल जीवन मिशन से जोड़कर जल स्रोत के रूप में काम लेने के साथ ही सांस्कृतिक पर्यटन में ग्राम तीर्थ के रूप में भी विकसित किया जाए। यह काम विकसित भारत 2047 की राह में भी महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
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