हाई कोर्ट बैंच की मांग को लेकर वकीलों का प्रदर्शन

हाई कोर्ट बैंच की मांग को लेकर वकीलों का प्रदर्शन

ठप्प रहा कोर्ट का कामकाज, वकीलों ने किया आज कार्य का बहिष्कार

 
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मांग को लेकर जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

उदयपुर 7 फरवरी 2022 । उदयपुर में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर एक बार वकीलों ने आज प्रदर्शन करते हुए कामकाज का बहिष्कार किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।  वकीलों के बहिष्कार के कारण आज जिला न्यायालय का काम काज ठप्प रहा। 

पिछले 40 वर्षो से उदयपुर में राजस्थान हाई कोर्ट के बेंच की मांग की जा रही है।  इस दौरान राज्य में दोनों ही पार्टी के कार्यकाल में मांग को अनदेखा किया जाता रहा है। हालाँकि मेवाड़ वागड़ के तथाकथित नेता चुनावो के वक़्त हाई कोर्ट बेंच के आश्वासन का झुनझुना थमाते आये है। इस बीच कई बार वकीलों ने लम्बे समय तक धरना प्रदर्शन भी किया। आम जनता के साथ मिलकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाये लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। 

उल्लेखनीय है की उदयपुर संभाग में उदयपुर, राजसमंद, चित्तोड़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ के अलावा भीलवाड़ा और सिरोही को शामिल करने पर कुल जनसँख्या 1 करोड़ 32 लाख 73 हज़ार के करीब है जिंसमे बहुसंख्यक अनुसूचित जनजाति है और कृषि प्रधान क्षेत्र है और पिछड़ा क्षेत्र है। यहाँ की जनता को हाईकोर्ट से न्याय पाने के लिए जोधपुर/जयपुर के चक्कर लगाने पड़ते है। 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 के अनुसार मेवाड़ वागड़ का अधिकांश इलाका पांचवी अनुसूची अधिशासित है। पांचवी अनुसूची में आदिवासियों को स्वशासन के लिए विशेष प्रावधान किये गए है। अतः आदिवासियों को सामाजिक अन्याय एवं शोषण से मुक्ति दिलाने हेतु उच्च न्यायालय की खंडपीठ न्यायोचित मांग है। 

'देरी से न्याय करना, न्याय से वंचित करना होता है'  आज जोधपुर हाईकोर्ट में 8-10 साल पूर्व मुकदमो की सुनवाई नहीं होती जो की एक सार्वभौमिक सत्य है। अतः जितने अधिक न्यायालय होंगे उल्टी ही जल्दी मुकदमो का निपटारा भी संभव होगा। उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना से आदिवासी बाहुल्य जनता को त्वरित और सस्ता न्याय उपलब्ध हो सकेगा।          

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