उदयपुर 2 जुलाई 2025। एक तरफ भारत सरकार "स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत" का नारा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ ज़मीनी स्तर पर इस मिशन की गंभीर अनदेखी हो रही है। उदयपुर शहर की मेवाड़ मोटर गली में गंदगी, कूड़ा-कचरा, और सड़ी बदबू आम बात बन चुकी है।
स्थानीय निवासियों और दुकानदारों द्वारा पूर्व में कई बार नगर निगम को सूचित किया गया, लेकिन कोई स्थायी समाधान आज तक नहीं हुआ। नगर निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और आसपास के होटल-कर्मचारी खुलेआम कूड़ा सड़क पर फेंकते हैं। इससे जहाँ मच्छर, डेंगू, बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है वहीँ राहगीरों को असहनीय बदबू और असुविधा झेलनी पड़ रही है। गंदगी से क्षेत्र की सुंदरता और व्यापार दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि जब केंद्र सरकार स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तो स्थानीय प्रशासन क्यों मौन है? क्या नगर निगम को कार्रवाई के लिए किसी गंभीर जनहानि का इंतजार है?
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