उदयपुर में कानोड़ नगर पालिका के जेईएन जयराम मीणा और कांग्रेस की महिला पार्षद सोनिया बागवान के पति अल्ताफ बागवान के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला थाने तक जा पहुंचा है। जेईएन ने पार्षद पति अल्ताफ के खिलाफ मारपीट करने और जातिगत रूप से अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
इसके बाद सियासी तौर पर मामला बीजेपी-कांग्रेस के आमने-सामने का हो गया। घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता थाने पहुंच गए और कांग्रेस पार्षद पति की गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि पार्षद पति की गिरफ्तारी होने तक धरना जारी रहेगा।
भाजपा और जनता सेना के पार्षद हाथ में लाल डायरी लेकर भ्रष्टाचार की जांच की मांग के नारे लगाते रहे। इधर, माहौल गर्माता देख वल्लभनगर डिप्टी रविन्द्र प्रताप सिंह, तहसीलदार मोबिन मोहम्मद सहित पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा है। वल्लभनगर डिप्टी ने भाजपा पदाधिकारियों को कहा कि बीती रात 11 बजे मुकदमा दर्ज हुआ है अभी मामले में बयान और मौका मुआयना करना है। जो भी कानूनन कार्रवाई होगी। वह की जाएगी।
जबरन फाइलें घर ले गए पार्षद पति, फिर घर बुलाकर मारपीट की
जेईएन जयराम मीणा ने थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि एक दिन पहले 27 जुलाई सुबह करीब 11:30 बजे पार्षद पति ने दफ्तर आकर मुझसे फाइलें मांगी। नहीं देने पर मेरे साथ मारपीट करते हुए कुछ फाइलें जबर्दस्ती उठाकर ले गए।
फिर रात 9 बजे मैंने फाइलें वापस मांगने के लिए फोन किया तो मुझे उन्होंने घर बुलाया। जहां मुझसे फाइलों पर जबरन हस्ताक्षर करवाने का प्रयास किया। मेरे द्वारा मना करने पर मुझे जातिगत रूप से अपमानित करते हुए मारपीट की और कपड़े फाड़ दिए। साथ ही एक स्टाम्प पेपर पर डरा-धमकाकर साइन कराने का दबाव बनाया।
नरेगा से संबंधित कामों थी फाइलें, गड़बड़ी की आशंका
पार्षद पति द्वारा जो फाइलें जेईएन के दफ्तर से जबरन उठाकर घर ले जाने का आरोप लगा है। वह फाइलें नरेगा योजना से संबंधित कामों की थी। जिसमेंं स्थानीय लोग पार्षद पति द्वारा गड़बड़झाला करने की आशंका जता रहे हैं। हालांकि पुलिस जांच में ही ये स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर फाइलों में क्या था और पार्षद पति द्वारा उन फाइलों को क्यों उठाया गया।
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