राष्ट्रीय चेस्ट सम्मेलन में ब्रोंकोस्कोपी वर्कशॉप में डॉ. अतुल लुहाड़िया बने फ़ैकल्टी


राष्ट्रीय चेस्ट सम्मेलन में ब्रोंकोस्कोपी वर्कशॉप में डॉ. अतुल लुहाड़िया बने फ़ैकल्टी

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के टीबी एवं श्वास रोग विशेषज्ञ है डॉ. अतुल लुहाड़िया

 
Dr atul Luhadiya

दिल्ली में आयोजित देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय चेस्ट सम्मेलन नैपकॉन  में गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के टीबी एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल लुहाड़िया को ब्रोंकोस्कोपी वर्कशोप में उदयपुर से फ़ैकल्टी के रूप में बुलाया गया l 

उन्होंने सम्मेलन में वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे डेलीगेट्स को फेफड़ों में गांठ , संक्रमण, फाइब्रोसिस, मीडियास्टिनल मास या लिम्फनोड्स के निदान हेतु फेफड़ों की दूरबीन द्वारा जांच ब्रोंकोस्कोपी  ब्रशिंग, बायोप्सी, टी.बी.एन.ए. , टी.बी.एल.बी. तकनीक के बारे में बताया एवं अपना अनुभव साझा किया।  

डॉ.लुहाड़िया ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी एक प्रकार की फेफड़ों की एंडोस्कोपी है जिसमें नाक या मुंह से ब्रॉन्कोस्कोप अंदर डाला जाता है, अंदर क्या खराबी है उसको दूरबीन द्वारा देखा जाता है और बायोप्सी, ब्रशिंग, टी.बी.एन.ए. या टी.बी.एल.बी. ली जाती है। 

डॉ. लुहाड़िया ने चिकित्सकों से अपील की है कि फेफड़ों में गांठ, आई.एल.डी., फाइब्रोसिस, मीडियास्टिनल मास या लिम्फनोड्स के निदान के लिए बायोप्सी, टी.बी.एन.ए., टी.बी.एल.बी. करनी चाहिए ताकि समय पर निदान एवं इलाज आरंभ किया जा सके।

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